मप्र में लामबंद हो गए हैं एमआईएस समन्वयक, डाटा एंट्री ऑपरेटर एवं एमआरसी | कर्मचारी समाचार

भोपाल। सर्व शिक्षा अभियान में संविदा पर पदस्थ समस्त अधिकारियों/कर्मचारियों का वेतन सर्व शिक्षा अभियान की कार्यकारिणी की बैठक दिनांक 26/08/2011 के निर्णय अनुसार प्रत्येक वर्ष के माह अप्रैल में प्रचलित महंगाई दर के अनुसार संशोधित परिलब्धिया दी जाती है। उक्त संविदा अधिकारियों/कर्मचारियों भृत्य से लेकर उप प्रबंधक तक की महंगाई भत्ता समय-समय पर वृधि किये जा रहे है | इस वर्ष भी राज्य शिक्षा केंद्र ने आदेश क्रमांक /राशिके/वित्त/2016/5872 भोपाल दिनांक 11/08/2016 के अनुसार विकासखण्ड स्तर पर जनपद शिक्षा केन्द्र में सविदा पर पदस्थ विकासखण्ड एमआईएस समन्वयक , डाटा एंट्री ऑपरेटर एवं एमआरसी नज़र अंदाज़ करते हुए  अन्य संविदा समस्त अधिकारियों/कर्मचारियों के वेतन में 125% महंगाई भत्ता अनुसार वृधि कर दी है।

जबकि 2013 में नियमानुसार व्यापम परीक्षा परीक्षा पासकर आये जनपद शिक्षा केंद्र में पदस्थ विकासखंड एमआईएस समन्वयकों, डाटा एंट्री ऑपरेटर एवं एमआरसी को इस महंगाई भत्ता वृधि से लगातार 4 वर्षो से वंचित किया जा रहा है सत्र 2012-13 से चयनित उम्मीदवारों को रोस्टर नियम के अनुसार 1 अप्रैल 2013 से विकासखण्ड स्तर पर  नियुक्त किया गया।

MIS कोर्डिनेटर पद कि गंभीरता और विशेषता इस बात से लगाई जा सकती है कि व्यापम परीक्षा परीक्षा में मेरिट सूचि में आने के बाद लगभक कुल 5 काउनसीलिंग (भर्ती प्रकिया) को अपनाया गया जिस निर्णय/प्रकिया के लिए राज्य शिक्षा केंद्र (सर्व शिक्षा अभियान) द्वारा बहुत मेहनत से हमे सिस्टम मे नियुक्ति दी है अर्थात लाया गया है I सत्र 2012-13 से चयनित उम्मीदवारों को रोस्टर नियम के अनुसार 1 अप्रैल 2013 से विकासखण्ड स्तर पर  नियुक्त किया गया I एवं विकासखंड में सारे महत्वपूर्ण तकनीकी कार्य जैसे समग्र छात्रवृति,डाईस डाटा मैनेजमेंट, व्हीईआर, स्मार्ट क्लास/ हेडस्टार्ट सेंटर में तकनीकी सहायता, ई अटेंडेंस, मोबाइल टेक्नोलॉजी,डेटा एनालिसिस और रिपोर्ट्स एवम अन्य महत्वपूर्ण कार्य एमआईएस समन्वयको द्वारा सम्पादित किये जाते है।

इससे पूर्व में कई बार प्रदेश भर के विकासखण्ड एमआईएस समन्वयक , डाटा एंट्री ऑपरेटर एवं एमआरसी द्वारा श्रीमान आयुक्त महोदया को इस भेदभाव के लिए ज्ञापन द्वारा संज्ञान में लाया गया और और विगत वर्षो की भांति इस वर्ष भी श्रीमान आयुक्त महोदया द्वारा आश्वासन दिया गया परन्तु आज दिनांक तक कोई कार्यवाही नहीं की गई | जिस कारण इन कर्मचारियों को इस महंगाई के समय में आर्थिक कठिनाइयो का सामना करना पड़ रहा है, और परिवार के भरण पोषण के लिए कई समस्यायों का सामना करना पड़ रहा है|

राज्य शिक्षा केन्द्र के वरिष्ठ अधिकारीयों के लगातार इस सौतेले व्यवहार ने सर्व शिक्षा अभियान में पदस्थ समस्त विकासखण्ड एमआईएस समन्वयक, डाटा एंट्री ऑपरेटर एवं एमआरसी को न्याय एवं अधिकार पाने के लिए आन्दोलन के लिए मजबूर कर दिया है। समस्त एमआईएस समन्वयक, डाटा एंट्री ऑपरेटर एवं एमआरसी क्रमबद्ध आन्दोलन के लिए प्रदेश एवं जिले स्तर पर एकजुट हो चुके है।

आन्दोलन के प्रथम चरण में जिले स्तर पर सभी ब्लाक एमआईएस समन्वयक, डाटा एंट्री ऑपरेटर एवं एमआरसी द्वारा सभी जिलो में जिला कलेक्टर एवं जिला परियोजना समन्वयक जिला शिक्षा केन्द्र को वेतन विसंगति 10 दिवस में सही करने हेतु ज्ञापन दिया जा रहा है साथ ही स्थानीय विधायक, संसद मंत्रियो को भी ज्ञापन दिया जा रहा है।

अगर इससे राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा समस्या का समय सीमा में निदान नहीं किया गया तो आन्दोलन के द्वतीय चरण में समस्त ब्लाक एमआईएस समन्वयक , डाटा एंट्री ऑपरेटर एवं एमआरसी की कलम बंद हड़ताल, जिला एवं राज्य शिक्षा केन्द्र के बाहर शांति पूर्ण धरना प्रदर्शन एवं भूख हड़ताल जिसमे सर्व शिक्षा अभियान के कई महत्वपूर्ण कार्य के प्रभावित होने की पूर्ण सम्भावना है और फिर भी समस्या का निराकरण नहीं किया गया तो अंत में हाईकोर्ट जाने के लिए मजबूर हो जायेंगे।

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