
होमगार्ड सैनिक शिवचरण माहौर ने कहा कि जब से डीजी मैथिलीशरण गुप्त आए हैं उनकी हालत बहुत खराब हो गई है। अब तो हमारे गले में फांसी का फंदा लगना बाकी है। प्रभारी मंत्री ने तुरंत टोका और कहा कि ऐसी बात मत कहो। आप अपनी बात सही ढंग से रखें। इस संबंध वह भोपाल में संबंधितों से चर्चा करेंगी।
इससे पहले होमगार्ड ने सुबह 9 बजे पीजी कॉलेज के पीछे अपने दफ्तर में प्लाटून कमांडर समेत तीन को बंद कर बाहर से ताला जड़ा दिया। सैनिक बाहर खड़े होकर डीजी और मुख्यमंत्री के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे बुलंद करते नजर आए। सैनिकों का कहना है कि उन्हें 41 साल की उम्र में रिटायर्ड कर दिया तो परिवार सहित भुखमरी की कगार पर पहुंच जाएंगे। श्योपुर में 84 लोग पदस्थ हैं जिनमें से 80 लोगों को सेवानिवृत्त कर दिया जाएगा। जबकि पेंशन सहित अन्य सुविधाएं उन्हें नहीं दी जातीं। हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी उन्हें सुविधाएं नहीं दी जा रही है।
अजय सिंह सिकरवार, प्लाटून कमांडर, होमगार्ड श्योपुर ने बताया कि सैनिकों को हमने उन्हें काफी समझाया कि रिटायर करने संबंधी एेसा कोई आदेश हमारे पास नहीं आया है। भोपाल से भी आदेश संबंधी बात से इनकार कर दिया। अंत में हमने एसपी व आरआई को फोन पर सूचना दे दी। इसके बाद एसडीएम, एसडीओपी और टीआई कोतवाली ने आकर दफ्तर का ताला खुलवाया।
होमगार्ड द्वारा दफ्तर में बाहर से ताला लगाने के कारण प्लाटून कमांडर अजय सिंह सिकरवार, एएसआई-एम उमेश खले और ड्राइवर संजीव भार्गव अंदर कैद हो गए। सुबह करीब 8 बजे ताला लगाने के बाद पुलिस अधिकारियों को सूचना दी गई। सूचना पर एसडीएम आरके दुबे, एसडीओपी जयराज कुबेर और कोतवाली टीआई सतीश सिंह चौहान सुबह 10 बजे मौके पर पहुंच गए। अधिकारियों के समझाने पर सैनिकों ने ताला खोल दिया।