
प्राप्त जानकारी के अनुसार अम्हां निवासी सीताराम चड़ार अपने साथियों के साथ अमावस्या के दिन पिकनिक मनाने पहाड़ी में स्थित मूर्ती विहीन मंदिर में आये थे। तभी उनकी नजर पहाड़ी की मिट्टी में दबे शिवलिंग पर पड़ी। जानकारों का कहना है कि पहाड़ी में स्थित मंदिर मूर्ति विहीन है। बताया जा रहा है कि यह शिवलिंग इस मंदिर में स्थापना करने लाया जा रहा था। पर वजन के कारण बीच पहाड़ी में ही इसे छोड़ना पड़ा। जो आज सैकड़ों साल बीत जीने के बाद पुनः मिला है।
उत्कृष्ट कलाकारी का शानदार नमूना है पहाड़ी का मंदिर
भुवनेश्वर मंदिर के ठीक पीछे अम्हां बांध के बेस्ट बीयर पास स्थित पहाड़ियों में सैकड़ों साल पुरानी कारीगरी का बेजोड़ प्रर्दशन करता एक मंदिर बना है। यहां मंदिर देखने जो भी पुरातत्व प्रेमी आता है वह मंदिर की बनावट की मुक्तकंठ से प्रशंसा करता है। पर यह मंदिर रखरखाब के अभाव में जगह जगह से क्षतिग्रस्त हो गया है। रही सही कसर स्थानीय सागौन माफियाओं ने मंदिर में अलमारी और दरवाजों में लगी बेशकीमती सागौन की लकडि़यों को चंद स्वार्थों के चलते निकालकर पूरा कर दिया है।