फ्लेक्सी फेयर का असर: शताब्दी की आधी सीटें खालीं

भोपाल। फ्लेक्सी फेयर सिस्टम का सबसे ज्यादा असर शताब्दी एक्सप्रेस पर देखने को मिला। लगभग आधी ट्रेन खाली हो गई। हर रोज करीब 300 सीटें खाली जा रहीं हैं। लोग फ्लेक्सी फेयर के तहत 50 प्रतिशत ज्यादा किराया देने के बजाए किसी दूसरी ट्रेन के एसी 3 में जाना पसंद कर रहे हैं। यात्रियों ने शान ए भोपाल का रुख किया है। इसमें एसी की सभी श्रेणियों में लंबी भीड़ दिखाई दे रही है। 

9 सितम्बर से रेलवे ने राजधानी, दूरंतो और शताब्दी श्रेणी की ट्रेनों का किराया हवाई जहाज के किराए की तर्ज पर फ्लेक्सी कर दिया है। यानी शताब्दी की पहली 10% टिकट के लिए मूल किराया लगेगा। इसके अगले 10% टिकट 10% मंहगे हो जाएंगे। वे टिकट बिकने पर अगला स्लैब फिर 10% मंहगा होगा। इस तरह 50% तक किराया बढ़ता जाएगा। 

क्या हुआ असर 
पहले जब भोपाल या हबीबगंज स्टेशनों पर शताब्दी एक्सप्रेस आती थी तो उसमें चढ़ने वालों की लाइन लगा करती थी लेकिन अब हालात बदल गए हैं। फ्लेक्सी फेयर लागू होने के चलते इसकी एसी चेयरकार और एक्जिक्यूटिव श्रेणी के टिकट 100 से 700 रुपए तक महंगे हो गए हैं। यानी शताब्दी की चेयरकार का जो टिकट 1185 रुपए में मिलता है उस पर 100 से 700 रुपए तक बढ़ गए हैं। वहीं एक्जिक्यूटिव क्लास का टिकट जो 2390 रुपए में मिलता था अब फ्लेक्सी स्लैब के चलते 3000 रुपए तक हो गया है। जबकि 3500 से 4000 के बीच फ्लाइट मिल जाती है। परिणाम यह हुआ कि चेयरकार वाले यात्री भोपाल एक्सप्रेस के एसी 3 में शिफ्ट हो गए और एक्जिक्यूटिव क्लास वालों ने हवाई जहाज या दूसरी ट्रेनों में एसी 1 लेना पसंद किया। 

भोपाल एक्सप्रेस में भीड़
बताया जाता है कि शताब्दी का क्लांइटल अब भोपाल एक्सप्रेस में शिफ्ट हो रहा है। भोपाल एक्सप्रेस में आज से लेकर 20 सितंबर तक लंबी वेटिंग चल रही है। यदि लगातार यही स्थिति रही तो भोपाल एक्सप्रेस में एसी टू और थ्री श्रेणी के कोच बढ़ाने पड़ सकते हैं। फिलहाल भोपाल एक्सप्रेस में निजामउद्दीन तक का एसी थर्ड का किराया 1037 रुपए, एसी टू का 1470 रुपए और फर्स्ट एसी का 2480 रुपए है। जाहिर है शताब्दी के यात्रियों के लिए यह किराया काफी कम है।
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