
तुम्हारी पार्टी के प्रवक्ता आशुतोष कहते हैं कि उसकी पत्नी ने कोई शिकायत नहीं की है तो फिर तमाशा क्यों। प्रिय केजरीवाल, क्या तुम गर्व करते हो, अपने ऐसे साथियों पर। एक जो चरित्रहीन है, दूसरा जो चरित्रहीन की वकालत करता है। एक को तो तुमने सीडी सामने आने के बाद निकाल दिया लेकिन उसके वकील का क्या। वही जो पत्रकार था। जिसे कांशीराम ने थप्पड़ मारा था।
प्रिय केजरीवाल, क्या तुम उस सठियाते जा रहे प्रवक्ता को समझाओगे, कि राजनीति किताबी कानून से नहीं सामाजिक कानून से संचालित होती है। जब जवाहरलाल नेहरू पर उंगलियां उठा दी गईं तो तुम और तुम्हारा संदीप क्या चीज है। वो कहता है, संदीप की पत्नी ने कोई शिकायत नहीं की। मैं पूछता हू, क्या वो मालाएं लेकर लड़कियों का स्वागत करती थी। अपने हाथों से अपने मंत्री पति के लिए फूलों की सेज सजाती थी। इस खुलासे के बाद वो बेचारी तो सदमे में होगी, तुमने उसका भी तमाशा बना दिया। लो हो गई दर्ज एफआईआर, गिरफ्तार भी हो गया आशुतोष का प्रिय मित्र। अब क्या बकबकाएंगे।
प्रिय केजरीवाल, विषय चरित्र का है। एक चरित्रहीन को तुमने बर्खास्त कर दिया परंतु दर्जनों चरित्रहीनों को पैदा करने वाला अभी भी तुम्हारी पार्टी में है। एक पत्नी वृत का धारण करने वाले हे केजरीवाल, क्या तुम चरित्रहीनों की फौज को संरक्षण देने वाले अपने प्रवक्ता आशुतोष को भी निष्कासित करने की हिम्मत जुटा पाओगे।
- लेखक मध्यप्रदेश का युवा पत्रकार एवं भोपाल समाचार डॉट कॉम के संपादक भी हैं।