
आरटीओ डॉ. एमपी सिंह ने आदेश की पुष्टि करते हुए बताया कि मुख्यालय से आदेश में कहा गया है कि नई व्यवस्था से सबसे अधिक फायदा यात्रियों को होगा। सभी आवेदनों पर परमिट देने से एक ही समय में कई बसें मिलेंगी। यात्री सुविधानुसार अच्छी बस का चुनाव कर सकेंगे।
ये होगी नई व्यवस्था
कोई भी बस संचालक किसी भी समय के लिए परमिट आवेदन कर सकेगा। उदाहरण के लिए सुबह 10 बजे की खंडवा रूट पर पहले से एक बस चल रही है तो अब दूसरा संचालक भी उस समय के लिए आवेदन कर सकेगा। पहले से चल रही बस का संचालक समय को लेकर आपत्ति नहीं ले सकेगा। अगर नई बस का संचालक ब्लैक लिस्टेड है और बस फर्जी दस्तावेज पर रजिस्टर्ड है तो तकनीकी आधार पर आपत्ति ली जा सकेगी। इसके आधार पर परमिट नहीं देने का निर्णय लिया जा सकेगा।
पहले यह थी प्रक्रिया
इससे पहले बस ऑपरेटरों को परमिट लेने के पहले परिवहन विभाग से समयसूची लेना पड़ती थी। इसके बाद खाली समय में परमिट के लिए आवेदन देना पड़ता था। फिर दावे-आपत्ति बुलाई जाती थी। कई बार उस समय के आगे पीछे चलने वाली बसों के संचालक उस पर आपत्ति लेते थे। फिर मामले को आरटीए में रखा जाता था। इसके बाद आवेदन पर परमिट देने अथवा नहीं देने पर निर्णय होता था। कई बार बड़े बस संचालक छोटे बस संचालकों को परेशान करने के लिए उनकी बसों के ढाई से पांच मिनट पहले का परमिट ले लेते थे। इससे विवाद होते थे।