
वहीं उन्होंने कहा कि चुटकी भर आरएसएस के लोग गुजरात तो कर सकते हैं, मुजफ्फरनगर तो कर सकते हैं, दादरी तो कर सकते हैं, लेकिन मोहब्बत का पैगाम नहीं दे सकते, ये हमारा जिगरा है कि हमारे पास वक़्त न होने के बावजूद हम सारा काम छोड़ कर लखनऊ से रामपुर आये एक आरएसएस कार्यकर्ता की बीबी से राखी बंधवाने के लिए।
आजम ने कहा कि इन्कलाब के फैसले चन्द लोगों ने लिए हैं, अगर किसी को हिन्दुस्तान में देखना है कि नया हिन्दुस्तान कहां बन रहा है, जो पाकिस्तान से भी अपनी ताकत का पंजा लड़ा सकता हैं, उसका नाम है जौहर यूनिवर्सिटी, यहां से हर हिन्दुस्तानी आग में तपी हुई तलवार बन कर निकलेगा, एक ऐसा फौजी निकलेगा, जो सरहदों पर हारेगा नहीं।