औरैया/उत्तरप्रदेश। दो साल पहले के रेप के प्रयास के एक मामले में पिछड़ा वर्ग कल्याण निगम के चेयरमैन (दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री) मो. इरशाद कुरैशी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है। कमिश्नर के आदेश पर दलित पीड़िता की शिकायत शहर कोतवाली में दर्ज की गई। इसमें तत्कालीन एसडीएम सदर जितेंद्र श्रीवास्तव और एक शिक्षक को भी आरोपी बनाया गया है। कुरैशी और एसडीएम, दोनों ने ही ने आरोपों को मनगढ़ंत और पैसा ऐंठने की चाल बताया है। जितेंद्र श्रीवास्तव वर्तमान में एसडीएम बिधूना हैं। कोतवाली पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
सदर कोतवाली के खानपुर कसबे के एक दलित व्यक्ति की गिरफ्तारी के बाद ही उसकी पत्नी ने रेप के प्रयास का आरोप लगाया था। पीड़िता के मुताबिक 19 मार्च 2014 की रात करीब 12:30 बजे वह बच्चों के साथ लेटी थी, तभी इरशाद कुरैशी, तत्कालीन एसडीएम जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव और शिक्षक इब्राहिम ने दरवाजा खटखटाया। कहा कि वे उसके पति को थाने से छुड़ा लाए हैं। यह सुनते ही पीड़िता ने दरवाजा खोल दिया। तब तीनों ने उसका मुंह दबा दिया। रेप की कोशिश पर वह चिल्लाने लगी। शोर सुनकर मोहल्ले के लोग आ गए और ये तीनों गालियां देते सफेद कलर की गाड़ी से भाग निकले। जाते वक्त धमकी दे गए कि किसी को कुछ बताया तो पति को जान से मार देंगे।
महिला का आरोप है कि इसके बाद एसडीएम ने उसके पति को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। उसने थाने में शिकायत की, लेकिन न तो उसका डाक्टरी परीक्षण कराया गया और न रिपोर्ट दर्ज की गई। वह अफसरों से गुहार लगाती रही। कहीं सुनवाई न होने पर कमिश्नर के पास पहुंची।
कमिश्नर ने एसपी अतुल शर्मा को रिपोर्ट दर्ज करने का आदेश किया। एसपी के आदेश पर कोतवाली पुलिस ने धारा 452, 376, 511, 506 के साथ अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति नृशंसता निवारण अधिनियम 1989 की धारा 3(2)(5) के तहत मामला दर्ज किया।