नईदिल्ली। ओडिशा से लगातार दूसरे दिन भी प्रशासन की घोर असंवेदनशीलता सामने आई है। बालासोर में एक औरत की लाश को बांस पर लटकाकर ले जाते अस्पताल कर्मचारियों की भी तस्वीर सामने आई। कर्मचारियों ने पहले शव को कमर से तोड़ा फिर बांस पर लटकाकर ले गए।
यह घटना ओडिशा के बालासोर में स्थित सोरो रेलवे स्टेशन की है जहां मालगाड़ी की चपेट में आने से 80 वर्षीय विधवा सालामनी बेहेरा की मौत हो गई थी। यह घटना बुधवार सुबह की है,
जिसके बाद उनकी लाश को सोरो कम्यूनिटी सेंटर ले जाया गया।
इस घटना की सूचना मिलने के करीब 12 घंटे बाद जीआरपी लाश को पोस्टमार्टम के लिए ले जाने पहुंची लेकिन वहां वहां भी एम्बूलेंस की व्यवस्था नहीं थी, जिसकी वजह से कम्यूनिटी सेंटर के कर्मचारियों ने वृद्धा के लाश की हड्डियों को पहले तो कमर से तोड़ दिया फिर उसे कपड़े में लपेटा और बांस पर टांगकर पोस्टमार्टम के लिए ले गए।
घटना के बारे में सोरो स्टेशन के जीआरपी सब-इंस्पेक्टर प्रताप रूद्र मिश्रा ने बताया कि शव के पोस्टमार्टम के लिए उसे अस्पताल ले जाना था जो कि कम्यूनिटी सेंटर से करीब 30 किमी दूर है। इसके लिए उन्होंने एक आटो ड्राइवर को बुलाया लेकिन उसने बतौर किराया 3,500 की मांग की और हमें केवल 1000 रुपये खर्च करने का अधिकार है। उचित व्यवस्था नहीं हो पाने के कारण सोरो कम्यूनिटी सेंटर के कर्मचारियों से मदद मांगी गई। प्रताप के मुताबिक कर्मचारियों ने महिला के शव को पहले तो कमर से तोड़ दिया उसके बाद उसे एक कपड़े में लपेट कर बांस पर टांगा और फिर दो किमी दूर स्थित रेलवे स्टेशन तक लेकर गए।
वहां से शव को पोस्टमार्टम के लिए सरकारी अस्पताल ले जाया गया। इस घटना की जानकारी जब महिला के बेटे रबिन्द्र बारिक जो हुई तो उन्होंने इसका विश्वास ही नहीं हुआ। उन्होंने कहा, 'वे थोड़ा और मानवीय हो सकते थे। मैं पुलिस अधिकारी के खिलाफ मामला दर्ज करने की सोच रहा हूं। लेकिन हमारी सुनेगा कौन?'