RDU में 10 करोड़ का छात्रसंघ फीस घोटाला

जबलपुर। रानी दुर्गावती यूनिवर्सिटी में 10 करोड़ रुपए का छात्रसंघ फीस घोटाला सामने आया है। संभव है यह घोटाला मप्र की दूसरी सरकारी यूनिवर्सिटी में भी हो रहा हो। यूनिवर्सिटी प्रतिवर्ष छात्रसंघ चुनाव के नाम पर फीस वसूल रही है जबकि छात्रसंघ चुनावों पर तो प्रतिबंध लगा हुआ है। ऐसे में स्टूडेंट्स से अवैध वसूली कर ली गई। यह पैसा उन्हें वापस मिलना चाहिए। बता दें कि 250 रुपए प्रति स्टूडेंट की दर से करीब 5 लाख स्टूडेंट्स से यह फीस वसूल ली गई है। 

2012 सत्र से छात्र संघ चुनाव पर रोक लगी है। शासन चुनाव नहीं करवा रहा है। इसके बावजूद छात्रों से 250 रुपए छात्रसंघ शुल्क लिया जाता है। हर साल करीब एक लाख विद्यार्थी यूनिवर्सिटी से जुड़ते हैं। औसत करीब 10 करोड़ से ज्यादा राशि छात्रसंघ के नाम पर जमा होती है। यूनिवर्सिटी इस रकम का क्या करती है, पता नहीं लेकिन यह स्पष्ट है कि इस तरह की वसूली को ही अवैध वसूली कहते हैं। 

जब चुनाव नहीं तो फीस क्यों
छात्र संघ चुनाव को लेकर होने वाला खर्च और छात्र प्रतिनिधियों को संस्थान तथा छात्रों से जुड़े कार्य के लिए फंड तय होता है। छात्र प्रतिनिधि इस फंड से कामकाज करवाते हैं। चुनाव नहीं होने के कारण कोई भी इस राशि का इस्तेमाल नहीं कर रहा है। यूनिवर्सिटी में छात्रावास के छात्रों को इस फंड से कुछ राशि आवंटित होती है लेकिन संभाग के सात जिलों के छात्रों को फीस देने के बावजूद इस फंड का कोई लाभ नहीं मिलता है।

कॉलेजों की हिस्सेदारी तय
यूनिवर्सिटी अकेले छात्रसंघ का शुल्क नहीं लेती है। हर छात्र से 250 रुपए शुल्क लिया जाता है। इसमें 170 रुपए यूनिवर्सिटी तथा 80 रुपए कॉलेज अपने पास रखते हैं। अनुज प्रताप सिंह, छात्रावास प्रमुख का कहना है कि छात्र संघ चुनाव नहीं करवाए जा रहे हैं तो छात्रों से लिया गया फीस उन्हें वापस लौटाया जाना चाहिए। शिक्षण संस्थान छात्रों पर बेवजह फीस का बोझ डाल रहे हैं।

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