
जांच के बाद कलेक्टर पी नरहरि के आदेश पर चिटफंड कंपनी का 340-डीआईएडी सेक्टर नंबर 74 सी में स्थित दफ्तर सील कर दिया गया और पंचनामा बनाकर सभी दस्तावेज जब्त कर लिए। कंपनी के मौके पर मिले एजेंटों के बयान लिए गए हैं, जिसमें पता चला कि एमडी दीपक शर्मा (सारंगपुर निवासी), सीएमडी गिरीराज पांडे (पचोर-शाजापुर निवासी) जिले के बाहर से दफ्तर का संचालन करते हैं। स्थानीय हेड योगेश जोशी को फोन कर जब बुलाया गया तो उसने इंदौर से बाहर होने का बोलकर आने से इनकार कर दिया। कंपनी में प्रवीण शर्मा, राजेश शर्मा भी जुड़े हुए हैं जो नोएडा चले गए हैं।
प्रशासन को शिकायत मिली थी कि जी लाइफ एक चिटफंड कंपनी है, जो कॉलोनाइजर्स एंड डेवलपर्स और जी लाइफ पब्लिकेशन के नाम से अपना कारोबार करती है। यह इंदौर के साथ ही भोपाल, उज्जैन, गुना, अशोक नगर, देवास, शाजापुर, मंदसौर, नीमच व अन्य कई जिलों तक फैली हुई है। कंपनी पर आरोप है कि इसने प्रदेश में 800 से एक हजार करोड़ रुपए तक लोगों से निवेश के तौर पर ले लिए हैं।
यह कंपनी मियादी जमा योजना, किस्तों में प्लॉट देने, पांच साल में धन दोगुना करने जैसे प्रलोभन देकर योजनाएं बेचती है। कंपनी पर पहले भी कार्रवाई हुई थी, लेकिन कंपनी अपना दफ्तर बदल-बदलकर कारोबार करती रहती है। कलेक्टर पी नरहरि ने कहा- चिटफंड कंपनी की शिकायतों के लिए कलेक्टोरेट में सोमवार और मंगलवार को सुबह से दोपहर डेढ़ बजे तक आठ नंबर खिड़की पर शिकायतें ली जाती हैं, कोई भी पीड़ित वहां दस्तावेज के साथ शिकायत कर सकता है।