जब सारे विशेष हो गए तो 'कलराज मिश्र' क्यों शेष हैं

भोपाल। भाजपा में 75+ के सारे नेता विशेष हो गए। अब वो मुख्यधारा में नहीं रहे। किसी समिति में विशेष आमंत्रित रह गए हैं। गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदीबेन का टंटा कुछ भी हो परंतु 75+ के बाद वो भी सीएम नहीं रहेंगी। अब सवाल यह उठता है कि 75+ के सारे नेता जब विशेष हो गए तो मोदी मंत्रीमंडल में कलराज मिश्र क्यों शेष हैं। 

भाजपा में 75+ का अभियान मप्र से शुरू हुआ। यहां केबिनेट के 2 कद्दावर मंत्री बाबूलाल गौर और सरताज सिंह को मंत्री मंडल विस्तार से ठीक 2 घंटे पहले बताया गया कि आप 75+ हैं अत: कृपया इस्तीफा दे दें। दोनों नहीं माने तो दिल्ली बात करा दी। फाइनली इस्तीफा हो गया और 75+ को 'विशेष' बनाने का दौर शुरू हो गया। 

मोदी मंत्रीमंडल विस्तार हुआ तो वहां भी 3 मंत्री 75+ के निकले। बवाल मचा तो 2 मंत्रियों का इस्तीफा हो गया परंतु यूपी से आ रहे कलराज मिश्र को रोक कर रखा गया है। 75+ के बाद भी वो लालबत्ती का सुख भोग रहे हैं। मप्र में 75+ के नाम पर हटाए गए मंत्री सरताज सिंह ने कलराज मिश्र के मोदी सरकार में मंत्री बने रहने पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि नीतिगत फैसले सभी पर लागू होने चाहिए।

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