उत्तरप्रदेश में 9000 से ज्यादा महिलाओं का रेप

मेरठ। जी हां, यह रिपोर्ट अखिलेश यादव सरकार की चौकस पुलिस की पोल खोल रही है। साल 2015 में उत्तरप्रदेश में 9000 से ज्यादा रेप हुए हैं। ये 2014 में हुईं 3467 वारदातों से 161 प्रतिशत ज्यादा है। क्राइम के मामले में यह पूरे देश को चौंकाने वाला आंकड़ा है। महिलाएं सुरक्षित नहीं है। हर दिन 24 रेप के मामले दर्ज हो रहे हैं। 

उत्‍तर प्रदेश क्राइम रिकॉर्ड्स ब्‍यूरो के ताजे आंकड़े बताते हैं कि साल 2014 में जहां 3,467 रेप के मामले दर्ज किए गए थे, वहीं साल 2015 में इस तरह के 9075 मामले दर्ज हुए हैं। यही नहीं रेप की कोशिश के मामलों में भी 30 फीसद की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

सबसे ज्‍यादा चिंता की बात यह है कि अधिकारियों का कहना है कि यह हिमशैल की नोंक है। यानी वास्‍तविक दुष्‍कर्म के आंकड़े इससे कहीं अधिक हो सकते हैं। यदि नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्‍यूरो 2014 की रिपोर्ट्स से मिले राष्‍ट्रीय आंकड़ों की उत्‍तर प्रदेश के आंकड़ों से तुलना करें, तो पता चलेगा कि यूपी में अपराध का औसत देशभर के अपराध के औसत से अधिक है।

उत्‍तर प्रदेश में होने वाले अपराध देश के अपराध से औसतन दो गुना अधिक हैं। देश में जहां वर्ष 2010 से 2014 के बीच रेप के मामलों की संख्‍या 22,172 से बढ़कर 36 हजार 735 हो गई। वहीं यूपी में रेप के मामलों की संख्‍या में इसी दौरान 121 फीसद की बढ़ोतरी हुई। यानी इस दौरान रेप के मामलों की संख्‍या 1,563 से बढ़कर 3,467 हो गई।

उत्‍तर प्रदेश के महिला आयोग की अध्‍यक्ष जरीना उस्‍मानी ने कहा कि यहां रेप के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है। मगर, अच्‍छी बात यह है कि महिलाएं खुलकर इसकी रिपोर्ट कराने के लिए सामने आ रही हैं। इससे पहले बहुत कम संख्‍या में रेप के मामले दर्ज होते थे, लेकिन अब महिलाएं पुलिस के पास जाने में हिककिचा नहीं रही हैं।

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