7 दिन तक 12 km के दायरे में थे अपहृत कलेक्टर

रायपुर। पुलिस गिरफ्त में आए मोस्टवांटेड नक्सली आकाश उइके उर्फ भीमा ने सुकमा कलेक्टर अलेक्स पॉल मेनन के अपहरण की पूरी कहानी बताई है। इस कहानी के अनुसार उन्होंने कलेक्टर को 7 दिन तक वारदात स्थल से मात्र 12 किलोमीटर की दूरी पर ही छिपाए रखा और पुलिस का तमाम खुफिया तंत्र उन्हें तलाश तक नहीं पाया। कलेक्टर के अपहरण का यह मामला देशभर में सर्वाधिक चर्चित मामला था। केन्द्र सरकार ने भी इस मामले में दखल दिया था परंतु जंगल में ऐसा कुछ नहीं हुआ, जैसा मीडिया में दिखाई दे रहा था। नक्सली आराम से कलेक्टर को कब्जे में लिए छिपे रहे। कोई उनके आसपास भी नहीं पहुंच पाया। 

गिरफ्तार नक्सली आकाश उइके उर्फ भीमा ने बताया कि 21 अप्रैल 2012 के दिन ग्राम सुराज अभियान में कलेक्टर अलेक्स पॉल मेनन मांझीपारा शिविर में आने वाले हैं यह बात उसे दक्षिण बस्तर के डिवीजन कमेटी के सदस्य एर्रा ने बताई थी। एर्रा ने कहा ऊपर से आदेश है कि अगर कलेक्टर के साथ दो-तीन गार्ड हों तो उन्हें मारकर हथियार छीन कलेक्टर को उठा कर ले आओ। भीमा अपने साथियों के साथ 19 अप्रैल को ही मांझीपारा के नजदीक स्थित धुरगुड़ा गांव पहुंच गया था। उन्होंनें रेकी की थी। उनके पास दो एसएलआर तथा बाकी बंडा चाकू आदि थे। अगर ज्यादा गार्ड होते तो उन्हें ऑपरेशन ड्राप करना पड़ता लेकिन उस रोज कलेक्टर के साथ दो ही गार्ड थे। एक बजे सभा शुरू हुई तब वे मौके की तलाश में थे। 

19 अप्रैल 3 बजे किडनैपिंग 
3 बजे पोटा केबिन में लंच करने के बाद जैसे ही कलेक्टर मेनन सभा स्थल पर पहुंचे नक्सलियों ने उनके गार्ड को गोली मार दी। इस बीच दूसरे गार्ड ने एक गोली चलाई जो भीमा के साथी के पैर में लगी। तब तक भगदड़ मच गई थी। नक्सलियों ने दूसरे गार्ड को भी मार दिया। भीमा ने कलेक्टर की पीठ पर एसएलआर टिका दिया और उन्हें घेरकर धुरगुड़ा गांव ले गए। वहां से शाम 7 बजे पैदल ही उन्हें वहां से 6 किमी दूर सिरसेट्टी गांव ले जाया गया। रात में वहीं रखा गया था। 

7 दिन तक 12 किलोमीटर के दायरे में रहे 
22 अप्रैल की सुबह वे फिर रवाना हुए और 5 किमी दूर गोगड़ी गांव पहुंचे। यहां से उसी शाम वे बगड़े की ओर रवाना हो गए। बगड़े में वे 25 अप्रैल तक रूके थे। 25 की शाम को चार बाइक में सवार हो वे कलेक्टर को लेकर रवाना हुए तथा पड़िया, शामसेट्टी, चिचोरगुड़ा, पड़पल्ली, जगावरम, कोल्हाईगुड़ा, सिंगनमड़गू होते हुए 26 को 11 बजे छोटे केड़वाही पहुंचे। यहां भीमा ने अकेले में नक्सल कमांडर हिड़मा से मुलाकात की। हिड़मा के आदेश में उन्होंने कलेक्टर को पामलूर पहुंचाया और वापस केरलापाल लौट आए।

5 दिन तक कलेक्टर को नहाने नहीं दिया
पामलूर में पांच दिन के बाद कलेक्टर को नहाने का मौका मिला था। 5 मई को नक्सलियों ने एलेक्स पॉल को रिहा किया था। भीमा ने बताया कि कलेक्टर पूरे रास्ते पूछते रहे मुझे क्यों उठाया है। यहां क्यों ले आए। कहां ले जा रहे। भीमा कहता आपके सारे सवालों का जवाब बड़ा कमांडर देगा। हम आदेश का पालन कर रहे हैं।

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