सामान्य ज्ञान भाग 40 ( महत्वपूर्ण तथ्य)

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शाहजहॉ एक नजर 
1-जहॉगीर के बाद सिंहासन पर शाहजहॉ बैठा।
2-जोधपुर के शासक मोटा राजा उदय सिंह की पुत्री जगत गोसाई के गर्भ से 5जनवरी 1592 ई0 को खुर्रम ( शाहजहॉ) का जन्म लाहौर में हुआ था।1662 ई0 में खुर्रम का बिबाह आसफ खॉ की पुत्री अरजुमन्द बानो बेगम से हुआ, जिसे शाहजहॉ ने मालिक एजमानी की उपाधि प्रदान की। 7जून 1631 ई0 में प्रसव पीडा के कारण उसकी मृत्यु हो गई।
3-4फरवरी 1628 ई0 शाहजहॉ आगरे में अबुल मुजफ्फर शहाबुद्धीन मुहम्मद साहिब किरन ए सानी की उपाधि प्राप्त कर सिंहासन पर बैठा।
4-शाहजहॉ ने आसफ खॉ को वजीर पद एवं महावत खॉ को खान खाना की उपाधि प्रदान की 
5-इसने नूरजहॉ को दो लाख रूपया प्रतिबर्ष की पेंशन देकर लाहौर जाने दिया। जहॉ 1645 ई0 में उसकी मृत्यु हो गई। 
6-अपनी बेगम मुमताज महल की याद में शाहजहॉ ने ताजमहल का निमार्ण आगरा में उसकी कब्र के ऊपर करबाया।
7-ताजमहल का निमार्ण करने बाला मुख्य स्थापत्य कलाकार उस्ताद अहमद लाहौरी था।
8-मयूर सिंहासन का निमार्ण शाहजहॉ ने करबाया। इसका मुख्य कलाकार बे बादल खॉ था।
9-शाहजहॉ के शासनकाल को स्थापत्यकला का स्वर्ण युग कहा जाता है।शाहजहॉ द्रारा बनायी गई। प्रमुख इमारते दिल्ली का लाल किला,दीवाने आम,दीवाने खास, दिल्ली जामा मस्जिद, आगरा मोती मस्जिद, ताजमहल आदि।
10-शाहजहॉ ने 1638 ई0 में अपनी राजधानी को आगरा से दिल्ली लाने के लिये। यमुना नदी के दाहिने तट पर शाहजहॉनाबाद की नीव डाली।
11-आगरे के जामा मस्जिद का निमार्णशाहजहॉ की पुत्री जहॉआरा ने करबाई।
12-शाहजहॉ के दरवार के प्रमुख चित्रकार मुहम्मद फकीर एवं मीर हासिम थे।
13-शाहजहॉ ने संगीतज्ञ लाल खॉ को गुण समन्दर की उपाधि दी थी।
14-शाहजहॉ के पुत्रो में दाराशिकोह सर्वाधिक बिद्धान था। इसने भागबद्गीता योगबशिष्ट उपनिषद् एवं रामायण का अनुवाद फारसी में करबाया। इसने सर्र-ए-अकबर महान रहस्य नाम से उपनिषदो का अनुवाद करवाया था। दारा शिकोह कादिरी सिलसिले के मुल्ला शाह बदख्सी का शिष्य था
15-शाहजहॉ ने दिल्ली में एक कालॅज का निमार्ण एवं दार्रूलबका नामक कालॅज की मरम्त करायी।
16-सितंम्बर 1657 ई0में शाहजहॉ के गंभीर रूप् से बीमार पडने और मृत्यु की अफबाह फैलने के कारण उसके पुत्रो के बीच उत्तराधिकार का युद्ध प्रारंम्भ हो गया। उस समय शूजा बंगाल मुराद गुजरात एवं औरंगजेब दक्कन में था।
17-15 अप्रैल 1658 ई0 दारा एवं औरंगजेब के बीच धरमट का युद्ध हुआ। इस युद्ध में दारा की पराजय हुई।
18-सामूगढ का युद्ध 29 मई 1558 ई0 को दारा एवं औरंगजेब के बीच हुआ। इस युद्ध में भी दारा की हार हुई। उत्तराधिकार का अंतिम युद्ध देवराई की घाटी में मार्च 1659 ई0 को हुआ। इस युद्ध में पराजित होने पर उसे इस्लाम धर्म की अवहेलना करने के अपराध में 30 अगस्त 1659 ई0 को हत्या कर दी गई।
19-शाह बुलंद इकबाल के रूप में दारा शिसकोह जाना जाता है।
20-8जून 1658 ई0 औरंगजेब ने शाहजहॉ को बंदी बना लिया। आगरे के किले में अपने कैदी जीवन के आठवे बर्ष अर्थात् 22 जनवरी 1666 ई0 को 74 बर्ष की अबस्था में शाहजहॉ की मृत्यु हो गई।
21-औरंगजेब का जन्म 24 अक्टूबर 1618 ई0 को दोहाद गुजरात नामक स्थान पर हुआ था।
22-औरंगजेब के गुरू थे। मीर मुहम्मद हकीम 
23-औरंगजेब सुन्नी धर्म को मानता था। उसे जिन्दा पीर कहा जाता था।
24-जयसिंह एवं शिवाजी के बीच पुरन्दर की संधि 22 जून 1665 ई0 को सम्पन्न हुई।
25-मई 1666 ई0 को आगरे के किले दीवाने आम में औरंगजेब के समक्ष शिवाजी उपस्थित हुये। यहा शिवाजी को कैद कर जयपुर भवन में रखा गया।
26-औरंगजेब ने 1679 ई0 में जाजिया कर को पुनः लागू किया।
27-औरंगजेब ने बीबी का मकबरा का निमार्ण 1679 ई0 में औरंगाबाद  महाराष्ट्र में करबाया।
28-1686 ई0 में बीजापुर एवं 1697 में गोलकुण्डा को औरंगजेब ने मुगल सामा्रज्य में मिला लिया।
29-मदन्ना एवं अकन्ना नामक ब्राह्यणो का संबंध गोलकुण्डा के शासक अबुल हसन से था।
30-औरंगजेब का पुत्र अकबर ने दुर्गादास के बहकाबे में आकर अपने पिता के खिलाफ बिद्रोह किया।    

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