
कैग की शुक्रवार को संसद में पेश एक रपट में यह निष्कर्ष निकाला है कि एलपीजी सबसिडी में 21,552 करोड़ रुपए की बचत का बड़ा हिस्सा वैश्विक बाजार में कीमतों में कमी के कारण हुई। कैग के अनुसार, ‘अप्रैल 2015 से दिसंबर 2015 के दौरान सबसिडी का वास्तविक भुगतान 12,084.24 करोड़ रुपए रहा, जबकि अप्रैल 2014 से दिसंबर 2014 के दौरान यह राशि 35,400.46 करोड़ रुपए रही थी।’
रपट के अनुसार सबसिडी भुगतान में 23,316.12 करोड़ रुपए की उल्लेखनीय कमी कुल मिलाकर उपभोक्ताओं द्वारा सबसिडीशुदा सिलेंडरों के उठाव में कमी, और 2015-16 में कच्चे तेल की कीमतों में भारी कमी के कारण सबसिडी की दरों के निम्न होने के कारण हुई। उल्लेखनीय है कि डीबीटी के तहत सबसिडी का भुगतान सीधे उपभोक्ता के बैंक खाते में किया जाता है।
कैग का कहना है कि कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के कारण सबसिडी की दर घटी, जिससे सबसिडी भुगतान में 21,552.28 करोड़ रुपए की कमी आई। कैग के अनुसार उपभोक्ताओं द्वारा सबसिडीशुदा वाले सिलेंडरों के उठाव के कारण सबसिडी भुगतान में 1763.93 करोड़ रुपए की कमी आई। महालेखा नियंत्रक ने सबसिडी दर में कमी को सबसिडी बचत में सबसे महत्त्वपूर्ण कारक बताया है।