व्यापमं सबूतों से छेड़छाड़ मामले में सीबीआई की ढीली जांच | Vyapam Scam

भोपाल। व्यापमं घोटाले की जांच कर रही सीबीआई साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ मामले में इंदौर क्राइम ब्रांच एवं एसटीएफ अफसरों से पूछताछ नहीं कर पाई जिससे इसकी जांच आगे नहीं बढ़ पाई। व्यापमं घोटाले से जुड़े चारों व्हिसिल ब्लोअर्स ने इस मुद्दे पर सीबीआई डायरेक्टर को शिकायत सौंपकर कार्रवाई तेज करने की मांग उठाई है।

व्यापमं घोटाले की जांच सबसे पहले इंदौर की क्राइम ब्रांच ने शुरू की थी, जिसे बाद में एसटीएफ ने आगे बढ़ाया, फिर ये मामला सीबीआई के सुपुर्द कर दिया गया। पिछले एक साल से इस घोटाले की छानबीन में जुटी सीबीआई ने साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ का प्रकरण तो कायम कर लिया, लेकिन मामले की छानबीन आगे नहीं बढ़ी।

सीबीआई ने अन्य कई मामलों में जांच के बाद चालान पेश कर दिए लेकिन यह मामला अभी शुरुआती जांच में ही अटका है। इस सिलसिले में न तो इंदौर क्राइम ब्रांच के तत्कालीन जांच अधिकारियों से पूछताछ हुई और न ही किसी की जवाबदारी सामने आ सकी।

सीबीआई ने दोनों ही एजेंसियों से दस्तावेज तलब कर लिए हैं, लेकिन अभी पूछताछ और गिरफ्तारी जैसी कार्रवाई नहीं हुई। किसी की जवाबदेही भी सामने नहीं आ पाई। व्हिसिल ब्लोअर अजय दुबे एवं प्रशांत पांडे ने बताया कि मामले में उनकी ओर से सीबीआई डायरेक्टर को संयुक्त शिकायत सौंपी गई है, जिसमें मांग की गई है कि जल्दी ही जांच कर मामले में चालान पेश किए जाने की कार्रवाई हो।

व्हिसिल ब्लोअर दुबे व पांडे के अलावा डॉ आनंद राय एवं आशीष चतुर्वेदी ने सौंपी इस संयुक्त शिकायत में क्राइम ब्रांच के दिलीप सोनी, राजेंद्र नगर थाने के तत्कालीन टीआई, विनय प्रकाश पाल, सोमा मलिक एवं एसटीएफ के जांच अधिकारी एआईजी आशीष खरे एवं डीएसपी डीएस बघेल सहित तत्कालीन कुछ अन्य जांच अधिकारियों के भी नामों का जिक्र किया है।
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