पंड़ित मदन मोहन की हत्या के लिए हुआ था RSS का गठन: सपा नेता का आरोप

वाराणसी। सूबे में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष सतीश फौजी ने कहा कि पंडित मदन मोहन मालवीय की हत्या के लिए हेडगेवार ने 1925 में नागपुर में आरएसएस का गठन किया था, जिसके 25 सदस्यों ने मालवीय पर जब हमला किया तो हमारे यदुवंशियों के पूर्वज बचाऊ बीर बाबा ने उनकी रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दे दी थी।

कौन थे पंडित मदनमोहन मालवीय 
अपने हृदय की महानता के कारण सम्पूर्ण भारतवर्ष में 'महामना' के नाम से पूज्य मालवीयजी को संसार में सत्य, दया और न्याय पर आधारित सनातन धर्म सर्वाधिक प्रिय था। "सिर जाय तो जाय प्रभु! मेरो धर्म न जाय" मालवीयजी का जीवन व्रत था। वो भारत में काशी हिंदू विश्वविद्यालय के संस्थापक थे। आजादी से पहले जब कांग्रेस ने मुसलमानों के तुष्टीकरण की नीति अपनाई तो कितने ही हिंदू देशभक्तों को बड़ी निराशा हुई। फलस्वरूप सन् 1910 में पूज्य पं॰ मदनमोहन मालवीय के नेतृत्व में प्रयाग में हिंदू महासभा की स्थापना की गई। मालवीय के नेतृत्व में हिंदू महासभा लगातार लोकप्रिय होती गई और इसे कई उपलब्धिपूर्ण समर्थन मिले। 

यहां से शुरू हुआ तनाव 
1915 में अखिल भारत हिन्दू महासभा के नाम से एक राजनैतिक दल का गठन किया गया है। विनायक दामोदर सावरकर इसके अध्यक्ष रहे। केशव बलराम हेडगेवार इसके उपसभापति रहे तथा इसे छोड़कर सन 1925 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना की। यहीं से हिंदू महासभा के नेताओं एवं राष्ट्रीय स्वयं संघ के बीच तनाव बढ़ गया था। 12 नवम्बर, 1946 ई. को इलाहाबाद में उनका निधन हो गया। इस दौरान आरएसएस में एक नारा लगाया जाता था। 'संघ दक्ष, हिन्दू महासभा भक्ष'

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !