
पैंगोलिन के बारे में
जानकारी के अनुसार इस वन्यप्राणी का इस्तेमाल दक्षिण पूर्व एशिया के देशों में शक्ति वर्धक दवाईयां एवं बुलट फ्रुप जैकेट और ड्रक्स को बनाने में इस्तेमाल किया जाता था। इसके अलावा कुछ सजावटी वाली वस्तुओं में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है।
यह चर्चित मामला 2014 से प्रकाश में आया है। और तब से लेकर अब तक बालाघाट जिले के अलावा देश के मिजोरम, कलकत्ता, असम सहित मध्यप्रदेश के पड़ौसी जिलो से भी तस्करों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। वहीं इस मामले में यह महिला आरोपी 22 वे नंबर की मुख्य आरोपी है। जो पेंगोलिन के स्केल और अवशेष को देश की सरहद से पार करने में अहम भूमिका निभाती थी। विदेश तक पैंगोलिन तस्करी के इस मामले में अब वन विभाग और एसटीएफ इंटरपोल के माध्यम से विदेशों में भी जॉच करेगी।
रिपोर्टिंग: सुधीर ताम्रकार, बालाघाट