Encounter के बाद Srinagar में कर्फ्यू, Amarnath यात्रा रोकी, Exam स्थगित, ट्रेनें बंद

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श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में कूकरनाग के पास हिज़्बुल कमांडर बुरहान मुज़फ्फर वानी के मारे जाने के बाद श्रीनगर और पुलवामा में तनाव बरकरार है। बुरहान के मारे जाने के बाद से ही दक्षिण कश्मीर, पुलवामा समेत श्रीगर के कई इलाकों में कर्फ़्यू लगा दिया गया है। घाटी में तनाव का माहौल को देखते हुए अमरनाथ यात्रा रोक दी गई है। इसके अलावा आज होने वाली बोर्ड परीक्षा को भी स्थगित कर दिया गया है। यहां ट्रेन और मोबाइल इंटरनेट सेवाएं भी ऐहतियान बंद कर दी गई हैं ताकि किसी तरह की कोई अफवाह न फैल सके। ट्रेनें अगली सूचना तक बंद रहेंगी।

सुरक्षा बलों की सबसे बड़ी चुनौती अब यह होगी कि जब वानी के शव का अंतिम संस्कार अनंतनाग के बीजबेहरा में होगा तो कहीं लोग बेकाबू न हो जाए। इससे मुकाबला करने के लिये अतिरिक्त सुरक्षा बल भी तैनात किये गए हैं। हुर्रियत कांफ्रेस गिलानी गुट के चेयरमेन सैयद अली शाह गिलानी ने वानी के मारे जाने के खिलाफ तीन दिनों का कश्मीर बंद का एलान किया है।

अनंतनाग के पास मुठभेड़ में बुरहान को मार गिराया गया...
कश्मीर का पोस्टर ब्‍वॉय कहलाया जाने वाला बुरहान वानी सुरक्षा बलों के साथ एंकाउंटर में मारा गया। शुक्रवार को करीब सवा घंटे चली मुठभेड़ में सेना और पुलिस ने बुरहान वानी और उसके तीन साथियों को मार गिराया। इसके बाद सुरक्षा बलों और लोगों के बीच झड़पें भी हुईं। एक दो जगहों पर सीआरपीएफ के बंकर में समर्थक भीड़ ने आग भी लगा दी। पुलिस चौकी पर भी हमले किए गए। पत्थरबाजी में जवान घायल भी हुए है । लेकिन हालता की गंभीरता को देखते हुए सुरक्षाबलों ने काफी संयम के साथ काम लिया है।

केवल हिज्बुल के ही नहीं, इस साल सुरक्षाबलों ने रिकॉर्ड संख्यां में जम्मू कश्मीर में सक्रिय सारे आतंकी संगठनों को टॉप कमांडर को मार गिराया है। जम्मू कश्मीर पुलिस के डीजीपी के रज़िंदर ने बताया, "यह सुरक्षा बलों के लिए एक बड़ी कामयाबी है। बुरहान नौजवानों को बरगालाता था और उन्हें प्रभावित भी करता था।"  हिज्बुल मुजाहिदीन का शीर्ष कमांडर बुरहान मुठभेड़ में मारा गया : पुलिस

सोशल मीडिया के जरिए उकसाता था बुरहान...
बुरहान सोशल मीडिया के ज़रिए नौजवानों को हिज़्बुल के साथ जुड़ने के लिए उकसाता था। सोशल साइट पर उसके कई फोटो वायरल हो चुके हैं। हाल में एक वीडियो में इसने नौजवानों को पुलिस पर हमला करने को कहा था।

22 साल का यह आतंकी पिछले तीन साल से कश्मीर में कई वारदातों को अंजाम दे चुका है। दक्षिण कश्मीर में वह काफी सक्रिय था। श्रीनगर, अनंतनाग और पुलवामा में पुलिसवालों के मारे जाने के पीछे इसी का हाथ बताया जाता है।

कौन था बुरहान मुज़फ्फर वानी 
15 साल की उम्र में ही 2010 में बुरहान अपने भाई के मारे जाने के बाद टेररिस्ट ग्रुप हिज्बुल से जुड़ा। उसका मानना था कि उसके भाई की इंडियन आर्मी ने हत्या कर दी थी। वह इसका बदला लेना चाहता था। कश्मीर के त्राल का रहने वाला बुरहान वानी एक रसूखदार फैमिली से था। उस पर कश्मीर के एजुकेटेड यूथ को हिज्बुल से जोड़ने का जिम्मा था। उस पर 10 लाख का इनाम भी घोषित किया गया था।
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