राकेश दुबे@प्रतिदिन। कांग्रेस अपनी झेंप मिटाने के लिए कुछ भी कहे | उसके ज्ञानी राहुल बाबा को कुछ भी समझाए |उच्चतम न्यायालय का मंतव्य स्पष्ट है| राहुल गांधी या तो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से क्षमा याचना करें या आपराधिक मानहानि मुकदमा का सामना करें| उच्चतम न्यायालय में राहुल अपने ऊपर कायम मुकदमे को खारिज करने की अपील लेकर गए थे| न्यायालय ने एक प्रकार से उनकी अपील खारिज कर दी है और उनके पास विकल्प सीमित कर दिया है|
कांग्रेस ने कह दिया है कि राहुल क्षमा याचना नहीं करेंगे तो साफ है कि वे मुकदमे में अपना तर्क रखेंगे| राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या देश के लिए एक बड़ी त्रासदी थी और उसे याद करके हर विवेकशील भारतीय का सिर शर्म से झुक जाता है|
जिस व्यक्ति ने अपना सब कुछ देश के लिए लगा दिया, उसका प्रतिदान उनको हत्या के रूप में मिला|यह कृतघ्नता हमें हमेशा सालती है. किंतु इस दुखद घटना का एक दुर्भाग्यपूर्ण पहलू यह है कि इसका संघ परिवार को लांछित करने के लिए लगातार राजनीतिकरण किया जाता रहा है| कोई नेता बिना सोचे बोल देता है कि आरएसएस ने गांधी जी को मारा|
राहुल गांधी ने भी यही कहा कि आरएसएस के लोगों ने गांधी जी की हत्या की| यह सच नहीं है. गांधी की हत्या पर गठित आयोगों ने या उनके हत्यारे नाथूराम गोडसे को फांसी की सजा देते समय उच्चतम न्यायालय ने नहीं माना कि इसमें किसी तरह संघ का हाथ है| नाथूराम गोडसे हिंदू महासभा का सदस्य था और उसने उस संगठन को भी गांधी जी की हत्या करने के पहले छोड़ दिया था| इसी तथ्य के आधार पर हिंदू महासभा के नेता विनायक दामोदर सावरकर को जेल से मुक्ति मिली|
यह तथ्य है. लेकिन दूसरी ओर नेताओं का बयान है| जिससे हमेशा गलतफहमी पैदा होती है| संघ से वैचारिक मतभेद रखना, उसका विरोध करना, उसके खिलाफ बोलना एक लोकतांत्रिक समाज में स्वाभाविक प्रक्रिया माना जाएगा, किंतु इस तरह के आरोप लगाना|जिसके पक्ष में कोई तथ्य है ही नहीं, उस संगठन को बदनाम करने या दूसरे शब्दों में कहें तो उसकी छवि खराब करने की श्रेणी में आता है| राहुल गांधी ऐसा बोलने वाले अकेले नेता नहीं हैं. यह लम्बे समय से चल रहा है. अच्छा है, एक बार मुकदमे के माध्यम से पूरा सच फिर देश के सामने आ जाए. वैसे उच्चतम न्यायालय ने यह कहकर कि उन्होंने गलत ऐतिहासिक तथ्य का उद्धरण देकर भाषण क्यों दिया, मुकदमे की परिणति का संकेत भी दे दिया है|
श्री राकेश दुबे वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं।
संपर्क 9425022703
rakeshdubeyrsa@gmail.com
पूर्व में प्रकाशित लेख पढ़ने के लिए यहां क्लिक कीजिए
