नई दिल्ली। मोदी सरकार ने भारतीय सेवाओं के अफसरों की सोशल मीडिया एक्टिविटी पर सेंसरशिप लागू करने की तैयारी कर ली गई है। इससे भारतीय प्रशासनिक सेवा, भारतीय पुलिस सेवा एवं भारतीय वन सेवा सहित सभी प्रकार की भारतीय सेवाओं के अफसर प्रभावित होंगे। वो सोशल मीडिया पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उपयोग नहीं कर सकेंगे। कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने नियम में बदलाव का मसौदा जारी कर दिया है। यह नियम अधिकारियों को संचार माध्यम पर सरकार की आलोचना करने से रोकता है। टेलीविजन, सोशल मीडिया या अन्य माध्यम पर नौकरशाह के लिए सरकार की आलोचना करना प्रतिबंधित है।
प्रस्तावित नियम में लोक सेवकों को सस्ते मनोरंजक कार्यक्रमों में भाग लेने की छूट दी गई है। हालांकि उन्हें सरकार के सामने घरेलू उपकरणों, वाहनों या यातायात के किसी अन्य साधनों का ब्योरा देना होगा। इनकी कीमत दो माह के बेसिक वेतन से ज्यादा होगी तभी ब्योरा सौंपना होगा।
यह नियम अखिल भारतीय सेवा (आचरण) नियम 1968 में प्रस्तावित बदलाव का हिस्सा है। यह तीनों भारतीय सेवाओं, भारतीय प्रशासनिक सेवा (आइएएस), भारतीय पुलिस सेवा (आइपीएस) और भारतीय वन सेवा (आइएफओएस) पर लागू है।
कार्मिक विभाग ने सरकार की आलोचना पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से नियम का दायरा बढ़ा दिया है। सेवा से जुड़े व्यक्ति सरकार, उसकी नीति या कार्रवाई आलोचना नहीं कर सकते। केंद्र का राज्य से संबंध और विदेश से संबंध पर टिप्पणी नहीं करेंगे।