सफल लोगों की नकल सक्सेस का फंडा नहीं हो सकता

ज्यादातर लोग सफल लोगों की आदतों और रहन सहन की नकल करने को सफलता का मंत्र मानते हैं। बहुत सी किताबें और लेख भी लोगों को यह बताते हैं कि सफल लोगों की आदतें और रहन सहन कैसा है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि 2 समकक्ष सफल लोगों की आदतें और व्यवहार अक्सर अलग अलग होते हैं। वो एक जैसे नहीं होते। क्योंकि सफलता के लिए नकल नहीं चरित्र की जरूरत होती है। आपका चरित्र ही आपका व्यक्तित्व बताता है। जानिए धीरुभाई अंबानी क्या कहते थे सफलता के बारे में..

सच्चाई ज्यादा वक़्त नहीं छुपती
आपने वह कहावत भी जरूर सुनी होगी कि कुछ देर के लिए तो आप किसी को बेवकूफ बना सकते हैं, पर ज्यादा समय तक आप कोई भी सच्चाई छिपा नहीं सकते। सफल होने और विजेता बनने के लिए किसी असाधारण गुण की नहीं, बल्कि साधारण गुणों की ही जरूरत होगी, जो हम और आप में हैं। परंतु केवल गुण नहीं बल्कि आप जो चाहते हैं, उसके प्रति आपमें समर्पण कितना है, वह सफलता की निशानी है।

कॉपी से नहीं ओरिजिनल होने से मिलती है सफलता
सफलता कॉपी करने से नहीं मिलती बल्कि विनर बनने के लिए खुद को जानना बहुत ज़रूरी है। आपका चरित्र लोगों को बताता है कि आप क्या हैं। आपका चरित्र ही आपका व्यक्तित्व बताता है। हर इंसान में कुछ खासियतें होती हैं और यही खूबियां उसके चरित्र को इंगित करती हैं। आप ऐसा नहीं सोच सकते कि आपसे पहले व्यक्ति ने यह किया था इसलिए मैं भी ऐसा कर रहा हूं।

नक़ल से सफल होते तो हर कोई कलाम बन जाता
चरित्र की तुलना करने से नतीजे नहीं हासिल किए जा सकते। अगर चरित्र की नकल करने से व्यक्ति सफल होता तो हर राजनेता नेहरू या पटेल और हर शिक्षक राधाकृष्णन, सर अब्दुल कलाम की तरह बन जाता। यहां तक कि जुड़वां बच्चों में भी आपस में चारित्रिक फर्क होता है। ईश्वर ने आपको कुछ खूबियां प्रदान की हैं और आपको उस चरित्र के आधार पर आगे बढ़ना चाहिए। आप किसी महापुरुष की आत्मकथा पढ़िए, आपको दूसरे के मुकाबले उनके चरित्र में कोई समानता नहीं मिलेगी।

हिटलर का छोटा कद सेना और देश पर शासन में कभी आड़े नहीं आया। अकबर को 'महान' साबित करने में शिक्षा आड़े नहीं आई। वर्तमान में, आईएएस के नतीजे आने पर आप देखते हैं कि बहुत-से गरीब व मध्यवर्गीय परिवारों के छात्र उसमें चुने जाते हैं। यह उनकी चारित्रिक विशेषता होती है कि वे अपने लक्ष्य के प्रति दृढ़निश्चयी बने रहते हैं।

सफल लोग दिखाते हैं नई राह
सफल लोग नई राह प्रदर्शित करते हैं, उसी राह पर चलते हुए आप सारे फैक्टर्स समान रहने के बावजूद सफलता की उस कहानी को दोहरा नहीं सकते। आपको अपनी राह स्वयं से प्रदर्शित करनी होगी। आपके चरित्र में आपकी हकीकत झलकनी चाहिए। आप जिसे बतौर उदाहरण लेते हैं उनमें जो क्षमता है, आपमें भी उससे कोई कम क्षमता नहीं है। आप जब किसी आदर्श व्यक्ति के चरित्र का पोस्टमार्टम करेंगे तो आप यह जानकर हैरान होंगे कि आपमें उनसे ज्यादा व्यक्तिगत गुण हैं। मुख्य बात यह है कि आपने कभी अपना समालोचक के तौर पर विश्लेषण नहीं किया है, अन्यथा आपकी भी विजेता बनने की यात्रा आरंभ हो गई होती। अभी भी कोई देरी नहीं हुआ है, आप खुद को विजुअलाइल करिए और आगे बढ़िए।

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