खाद्यान्न घोटाला: वेअर हाउस के बोरों में मिला मिट्टी का भंडार

50 किलो गेंहू में 20 किलो मिट्टी के डेले
भोपाल। मप्र के गरीबों में वितरित होने वाले गेंहू के बोरों में मिट्टी का भंडार मिला है। इससे पहले 50 किलो के बोरे में 20 किलो मिट्टी निकली थी। अधिकारियों की एक टीम ने फंदा स्थित करतार वेअर हाउस में छापामार कार्रवाई की। यहां भी यही हाल मिला। इसके साथ ही मप्र में खाद्यान्न घोटाले का खुलासा हो गया हे। विधानसभा में मामला उठने के बाद पूरे प्रदेश में हड़कंप मचा है लेकिन खाद्यान्न माफिया की पहुंच और पकड़ देखिए कि अभी तक इस मामले में नागरिक आपूर्ति निगम के एक कनिष्ठ सहायक दिनेश चौरसिया को सस्पेंड किया गया है।

शासन और जिला प्रशासन के अफसरों की एक टीम फंदा गई थी। टीम में शामिल अफसर भी गोदाम में रखे अनाज की क्वालिटी देखकर चौंक गए। गोदाम में रखे कई बोरों में भी मिट्टी पाई गई है। कई बोरों पर स्टेक कार्ड नहीं था। स्टेक रजिस्टर में भी इनकी एंट्री नहीं थी। गोदाम का जिम वेअर हाउसिंग कार्पोरेशन का है। इस मामले में निगम के अधिकारियों पर कुछ कर्मचारियों की भूमिका भी संदिग्ध है। टीम इस बिंदु पर भी जांच कर रही है।

खाद्यान्न माफिया का नेटवर्क पूरे प्रदेश में फैला हुआ है। गांव गांव तक गरीबों को बंटने वाले गेंहू की स्थिति बिल्कुल वैसी ही है जैसी की आज प्रदर्शन के दौरान राजधानी में थी। गेंहू में कंकड़ और मिट्टी को लेकर जनसुनवाईयों में हजारों आवेदन भी दिए गए परंतु कभी किसी कलेक्टर ने वेअर हाउस तक जाकर जांच करने की कार्रवाई नहीं की। संदेह जताया जा रहा है कि यह मप्र का एक और बड़ा घोटाला है जो लगातार एक दशक से जारी है। इसमें व्यापारियों, वेअर हाउसिंग कार्पोरेशन और कलेक्टरों का एक बड़ा वर्ग शामिल है। सोशल मीडिया पर लोग सवाल कर रहे हैं कि क्या सीएम शिवराज सिंह ने गरीबों को सस्ते अनाज की घोषणा, उन्हें अन्न उपलब्ध कराने के लिए नहीं बल्कि खाद्यान्न माफिया को करोड़ों की काली कमाई करवाने के लिए की थी। 

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!