मप्र में कांग्रेस राजा, महाराज, कारोबारी और जमींदारी से मुक्त होगी

भोपाल। उत्तरप्रदेश में बदलाव के बाद अब मप्र पर भी कांग्रेस हाईकमान ने फोकस करना शुरू कर दिया है। हाईकमान मप्र में कांग्रेस को दिग्गजों के मायाजाल से बाहर निकालने की कसरत कर सकते हैं। राजा, महाराज, कारोबारी और जमींदारी के बजाए अब नए और तेजतर्रार चेहरों की तलाश की जा रही है। कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी की शनिवार को प्रदेश के युवा विधायकों व कुछ चुनिंदा युवा पदाधिकारियों के साथ जिस तरह की मंत्रणा हुई है, उससे साफ है कि यहां अब बड़ा बदलाव आने वाला है। 

पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी के मुताबिक राहुल गांधी ने इस दौरान प्रदेश के युवा विधायकों व पदाधिकारियों से मिशन 2018 को लेकर भी बातचीत की है। साथ ही यह समझा है कि प्रदेश में पार्टी कैसे इस चुनाव को जीत सकती है। इस दौरान उन्होने कुछ विधायकों से रणनीतिक तौर पर भी बातचीत की है। पार्टी पदाधिकारियों की मानें तो राहुल गांधी ने जिस तरह से युवा विधायकों से मुलाकात को लेकर रूचि दिखाई है, उससे साफ है आने वाले दिनों कुछ बड़ा धमाका हो सकता है।

इसी बीच राहुल गांधी से मिलने दिल्ली पहुंचे पार्टी के कुछ विधायकों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि उनकी मुलाकात काफी उत्साहजनक रही है। प्रदेश को लेकर राहुल गांधी प्लानिंग कर रहे है। विधायकों व पार्टी पदाधिकारियों के साथ चर्चा में उन्होंने पूरे समय यही जानने की कोशिश की। साथ ही यह जानना चाहा, कि कौन कितना सक्रिय रहता है।

राहुल गांधी ने इन विधायकों ने की मुलाकात
राहुल गांधी से दिल्ली में मुलाकात करने वाले प्रदेश कांग्रेस के विधायकों में जयवर्ध्दन सिंह(दिग्विजय सिंह के पुत्र), हनी बघेल, सौरभ सिंह, जीतू पटवारी, रजनीश सिंह, नीलेश अवस्थी सहित करीब 18 लोग शामिल थे। इनमें प्रदेश अध्यक्ष अरूण यादव, उपाध्यक्ष अशोक सिंह भी शामिल थे। इसके अलावा जिला पंचायत अध्यक्ष उज्जैन महेश परमार व अजय रघुवंशी आदि भी शामिल रहे।
इनपुट: अरविंद पांडेय, पत्रकार, नईदिल्ली। 

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