दैनिक वेतन भोगी: अब 15 अगस्त को मिलेगा नियमितीकरण का तोहफा

भोपाल। शिवराज सरकार अब दैनिक वेतन भोगियों के नियमितीकरण का ऐलान 15 अगस्त को करने का मन बना रही है। इसके लिए सैद्धांतिक सहमति पहले से ही बन चुकी है। सरकार चाहती है कि उनके पदनाम में भी परिवर्तन किया जाए। मप्र में करीब 50 हजार दैनिक वेतन भोगी अपने अधिकारों का इंतजार कर रहे हैं। सरकार लंबे समय से इस मामले को टालती आ रही है। 

पिछले सप्ताह मुख्य सचिव अंटोनी डिसा की अध्यक्षता में निर्माण विभाग के प्रमुखों के साथ बैठक भी हो चुकी है। बताया जा रहा है कि दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों का पदनाम बदलने पर भी गंभीरता से विचार हो रहा है। इसके लिए विभागों से संभावित नाम भी मांगे गए हैं।

सूत्रों के मुताबिक दैनिक वेतनभोगियों द्वारा सुप्रीम कोर्ट में नियमितीकरण की मांग को लेकर याचिका दायर करने के बाद सरकार इस मुद्दे पर गंभीर हुई है। कोर्ट ने मुख्य सचिव को नोटिस देकर रिपोर्ट मांगी थी। आनन-फानन में जल संसाधन, लोक निर्माण, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी और नगरीय विकास ने दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को रिक्त पदों पर नियमित करने की कार्रवाई की।

इसके बाद भी प्रदेश में लगभग 50 हजार दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी हैं, जिन्हें नियमित करने के लिए विभागों के पास पद ही नहीं हैं। इस परिस्थिति को देखते हुए सरकार ने इन्हें न्यूनतम वेतनमान देकर नियमित कर्मचारी जैसी सुविधाएं देने का फैसला किया है।

बैठक में इस बात पर सहमति बनी कि ये रास्ता सबसे सुविधाजनक है। हालांकि, इसे लागू करने पर सरकार के खजाने पर सालाना 50 करोड़ रुपए से ज्यादा का भार आएगा। बताया जा रहा है कि कर्मचारियों को 4440-7440 का न्यनूतम वेतनमान दिया जा सकता है। इससे कर्मचारियों को 11 हजार रुपए तक फायदा होगा।

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