
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की घोषणा और 5 जनवरी को कैबिनेट से निर्णय होने के बाद भी अध्यापकों को छठा वेतनमान नहीं मिल पा रहा है। कैबिनेट ने जनवरी-16 से वेतनमान देने का निर्णय लिया था। अध्यापकों को अप्रैल पेड मई के वेतन से राशि जोड़कर दी जाना थी, लेकिन गणना पत्रक जारी करने में देरी और फिर पत्रक में विसंगति के कारण उन्हें अब तक वेतनमान नहीं मिला है। इस मांग को लेकर अध्यापक हाल ही में राजधानी में धरना भी दे चुके हैं।
उधर, राज्य ओपन बोर्ड में बुधवार को विभाग के मंत्री विजय शाह के साथ हुई बैठक में अध्यापकों को मांगें जल्द पूरी करने का भरोसा दिलाया गया है। वैसे तो 25 जुलाई को विभाग के आला अफसरों और अध्यापक नेताओं को एक साथ बैठाकर सामंजस्य बनाने की कोशिश की जा रही है, लेकिन 25 को विधानसभा में स्कूल शिक्षा विभाग पर चर्चा होने के कारण बैठक टल भी सकती है। सूत्र बताते हैं कि स्कूल शिक्षा विभाग के अफसर खुद गणना पत्रक को सुधार रहे हैं, जबकि मुख्यमंत्री ने वित्त विभाग से सुधार कराने को कहा था।
उल्लेखनीय है कि कैबिनेट के निर्णय पर 31 मई को वेतन गणना पत्रक जारी किया। जिसमें विसंगति को लेकर अध्यापकों को नाराजी खुलकर सामने आई। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री ने 7 जून को गणना पत्रक स्थगित कर दिया और वित्त विभाग को विसंगति रहित गणना पत्रक तैयार करने को कहा।
पत्रक से विसंगति
पत्रक में सहायक अध्यापक के वेतन की गणना 5200 और अध्यापक एवं वरिष्ठ अध्यापक के वेतन की गणना 9300 से की है। जबकि अध्यापक शुरू से ही क्रमश: 7,440 और 10,230 से गणना की मांग कर रहे हैं। ऐसे ही सालाना वेतनवृद्धि देने में भी विसंगति सामने आई है।
इनका कहना है
अध्यापकों ने वेतन गणना पत्रक में विसंगति बताई है। जिसका परीक्षण किया जा रहा है। जल्द ही कार्य पूरा हो जाएगा। इसके बाद संशोधित पत्रक जारी करेंगे। -एसआर मोहंती, एसीएस, स्कूल शिक्षा विभाग