भोपाल। गुना कलेक्टर राजेश जैन के खिलाफ रतलाम जिले के जावरा कोर्ट में आपराधिक मामला दर्ज किया गया है। जिसके लिए उन्हें 20 सितम्बर को कोर्ट के समक्ष उपस्थित होने के आदेश दिए गए हैं। साल 2002 जावरा तहसील में जब वो एसडीएम थे, 12 निजी दुकानों को अतिक्रमण में बताकर तुड़वा दिया था। जिसके बाद दुकानदार प्रकाशचन्द्र कोठारी ने तत्कालीन एसडीएम राजेश जैन समेत आर आई और पटवारी के खिलाफ जावरा कोर्ट में परिवाद दायर किया था।
4800 वर्गफुट की भूमि पर पर 12 दुकानें गईं थीं, लेकिन जावरा में एसडीएम रहते वक्त राजेश जैन ने 22 जुलाई 2002 को पूर्व मंत्री हिम्मत कोठारी के भाई प्रकाशचंद्र कोठारी का नामांतरण निरस्त कर भूमि को शासकीय घोषित कर दिया। आरोप है कि तत्कालीन एसडीएम राजेश जैन ने तत्कालीन तहसीलदार आर एस वर्मा, तत्कालीन राजस्व निरीक्षक कलश जोशी, पटवारी लक्ष्मीनारायण जोशी के माध्यम से झूठा पंचनामा बनाकर नोटिस तामीली के फर्जी दस्तावेज तैयार किए। जिसके बाद एकपक्षीय कार्रवाई करते हुए भूमि पर निर्मित 12 दुकानों को 29 जुलाई 2002 में सुबह 6 बजे जमींदोज कर दिया गया।
हालांकि इस मामले में गुना कलेक्टर राजेश जैन का कहना है कि उन्होंने जावरा में तत्कालीन परिस्थितियों को देखते हुए नियमानुसार काम किया था। उनका कहना है कि वो इस मामले को उनके वकील के माध्यम से कोर्ट के समक्ष रखेंगे।