
पार्टी के एक नेता ने कहा कि संगठन में और दलित एवं ओबीसी नेताओं को शामिल किए जाने की संभावना है। प्रधानमंत्री कहते रहे हैं कि उनकी सरकार गरीब और कमजोर तबकों के लिए है और यह पार्टी में भी परिलक्षित होगा।
पार्टी में महासचिव के कुछ पद रिक्त हैं और ये पदाधिकारियों का ताकतवर समूह है, जिस पर राज्यों और अन्य महत्वपूर्ण मामलों को देखने का जिम्मा होता है। राम शंकर कठेरिया जैसे दलित नेता को इसमें शामिल किया जा सकता है। वर्तमान में किसी भी दलित नेता के पास महासचिव का पद नहीं है।
पार्टी के उपाध्यक्षों पुरषोत्तम रपाला को केन्द्रीय मंत्री बनाए जाने और बीएस येद्युरप्पा को कर्नाटक भाजपा का प्रमुख बनाए जाने से इनकी जगह नए चेहरे लाए जा सकते हैं।