मप्र में दलितों के आरक्षण पर अतिक्रमण, 105 अधिकारी फर्जी

भोपाल। प्रदेश में 105 अफसरों ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर सरकारी नौकरी पाई। इनमें डिप्टी कलेक्टर और सिविल जज जैसे अफसर हैं। यह जानकारी आजाक मंत्री ज्ञान सिंह ने विधायक सत्यपाल सिंह सिकरवार के प्रश्न के उत्तर में दी है। उन्होंने कहा कि इन अफसरों के मामले में जांच की जा रही है। श्री सिकरवार ने सरकार पर आरोप लगाया था कि प्रदेश में फर्जी जाति प्रमाण पत्र पर नौकरी करने वालों पर अब तक कार्रवाई नहीं की है। 

यह मामला दलित समाज के आरक्षण पर अतिक्रमण का है। उनके अधिकारों पर कब्जा कर लेने का है। ऐसे मामलों में आरोपी अधिकारी/कर्मचारियों के खिलाफ एससीएसटी एक्ट के तहत कार्रवाई भी होनी चाहिए परंतु सरकार लगातार आरोपों को टालने की नीति अपनाती आ रही है। ऐसी सैंकड़ों शिकायतें अभी भी जांच आदेश का इंतजार कर रहीं हैं। माना जा रहा है कि यह भी मप्र का एक बड़ा घोटाला है जिसमें कई कद्दावर नेताओं के साथ पूरा रैकेट स​क्रिय है जो फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवाने से लेकर नौकरी लगवाने तक का ठेका लेता है। इस मामले को bhopalsamachar.com पहले भी उठा चुका है। 

इससे पहले विधानसभा का मानसून सत्र में सदन की कार्रवाई मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और कार्यवाहक नेता प्रतिपक्ष बाला बच्चन ने दिवंगत विधायक राजेंद्र श्याम लाल दादू, दलपत सिंह परस्ते संसद सदस्य, यज्ञदत्त शर्मा पूर्व विस अध्यक्ष, लक्ष्मीनारायण शर्मा पूर्व संसद सदस्य और राजेश नंदनी सिंह पूर्व संसद सदस्य को श्रद्धांजलि दिए जाने के बाद स्थगित कर दी गई। 

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