
एक अनुमान के मुताबिक, ऐसी सोसायटी की संख्या करीब 1000 है, जबकि प्रदेश में कुल 2200 गृह निर्माण समितियां हैं। जिन सोसायटी में जमीनें बेनामी हैं, उन्हें शासन अटैच कर सकता है। साथ ही सोसायटी के विभाग की पर कार्रवाई होगी। यह निर्णय इसलिए लिया गया क्योंकि अभी तक 5000 हजार से भी अधिक लोग ऐसे हैं, जिन्हें सोसायटी को पैसा देने के बाद भी अभी तक न जमीन मिली, न मकान और न ही फ्लैट।
भोपाल की इन सोसायटी पर आरोप
रोहित गृह निर्माण सोसायटी: करीब 300 लोगों को प्लॉट नहीं मिले। रसूखदारों ने जमीनें अपने नाम करा लीं।
सर्वधर्म सोसायटी: कई सदस्यों को प्लॉट नहीं मिले। कहा गया कि जमीन कम है। फ्लैट बनाकर देंगे। आज भी इंतजार।
गौरव सोसायटी: करीब 32 फाउंडर मेंबर ने बिल्डर के साथ ज्वाइंट वेंचर किया। बिल्डर ने डुप्लेक्स बनाकर बेच दिए, किसी भी मेंबर को आज तक मकान नहीं मिला।
महाकाली सोसायटी: कई सदस्यों को न जमीन मिली, न मकान। प्रभावशाली लोगों ने नए सदस्य बनाकर प्लॉट बांट दिए।
सूची बनाई जा रही
इस तरह की काफी शिकायतें थीं। इसे देखते हुए ही एसटीएफ को जांच देने का फैसला लिया है। अभी सूची बनाई जा रही है।
गोपाल भार्गव, सहकारिता मंत्री