ISBT भोपाल में फर्स्ट एड बॉक्स तक नहीं, महिला मरते मरते बची

भोपाल। यूं तो कुशाभाऊ ठाकरे बस टर्मिनस काफी आधुनिक दिखाई देता है परंतु यहां फर्स्ट एड बॉक्स तक नहीं है, जबकि आरटीओ नियमों के अनुसार हर बस में फर्स्ट एड बॉक्स होना चाहिए। ISBT जैसे बस स्टेशनों पर तो नर्स तक की व्यवस्था होनी चाहिए। ISBT की इस मक्कारी के कारण एक महिला मरते करते बची। 

शुक्रवार दोपहर तीन बजे बस स्टैंड पर एक महिला यात्री अचानक चक्कर खाकर गिर गई। आसपास खड़े लोगों ने इसकी जानकारी आईएसबीटी प्रबंधन को दी लेकिन उनके पास प्राथमिक उपचार का कोई इंतजाम नहीं था। महिला के पति नितिन मेहरा किसी तरह सामान ढोने वाली ट्राॅली पर लिटाकर उन्हें परिसर से बाहर लाए। 

108 नहीं आई डायल 100 में ले गए 
एक जागरूक नागरिक ने तुरंत पुलिस को सूचना दी। इसके बाद वहां चीता चार्ली-1 के जवान अजय मिश्रा और तरुण कुमार पहुंचे। उन्होंने एंबुलेंस 108 को सूचना दी और पानी की व्यवस्था करवाई। काफी देर एंबुलेंस नहीं आई तो उन्होंने डायल 100 को बुला लिया। फिर महिला को डायल 100 वाहन से अस्पताल पहुंचाया गया। इसके बाद उनका इलाज शुरू हो पाया। 

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !