भोपाल। सीबीआई के टॉप आॅफीसियल्स के हवाले एक अंग्रेजी अखबार में छपी खबर के बाद मचे बवाल के चलते सीबीआई बैकफुट पर आ गई है। अखबार ने दावा किया था कि सीबीआई ने व्यापमं घोटाले में शिवराज सिंह एवं उनके परिवार को क्लीनचिट दे दी है। अब सीबीआई ने आधिकारिक बयान जारी कर कहा है कि फिलहाल कोई क्लीनचिट नहीं दी गई है। याद दिला दें कि व्यापमं घोटाले में व्यवसायिक परीक्षा मंडल के तहत होने वाली मेडिकल और अन्य भर्ती परीक्षाओं में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी के आरोप हैं।
अखबार ने सीबीआई उच्च पदस्थ सूत्रों के हवाले से खबर छापी थी कि सीबीआई को घोटाले में सीएम और उनकी फैमिली के लोगों के शामिल होने के कोई सबूत नहीं मिले हैं। यह भी कहा गया था कि घोटाले के 155 केस में से ज्यादातर जूनियर लेवल के हैं। उनका कोई पॉलिटिकल कनेक्शन नहीं मिल रहा है।
इसके बाद मचे बवाल के चलते सीबीआई ने बुधवार को एक प्रेस नोट जारी किया। कहा- घोटाले की जांच अभी भी चल रही है अौर सीबीआई किसी भी कान्क्लूजन पर नहीं पहुंची है।
अभी तक इस मामले में क्या हुआ?
इस घोटाले में राज्य के हायर एजुकेशन मिनिस्टर लक्ष्मीकांत शर्मा समेत व्यापमं के अफसर पंकज त्रिवेदी और नितिन महिंद्रा जेल जा चुके हैं। आरएसएस से जुड़े व्यापारी सुधीर शर्मा और कांग्रेस नेता संजीव सक्सेना को भी एसटीएफ ने जेल भेजा था। कांग्रेस शुरू से आरोप लगाती रही है कि घोटाले का कनेक्शन शिवराज और उनकी फैमिली से है। दिग्विजय सिंह ने एक एसएमएस भी लीक किया था। इस मामले में सीएम के पूर्व निजी सचिव प्रेम प्रसाद भी आरोपी हैं। मप्र के राजभवन का नाम भी व्यापमं घोटाले में आया था। यह बात दीगर है कि राज्यपाल महोदय के खिलाफ प्रकरण दर्ज करने का कानून भारत में नहीं है अत: दर्ज प्रकरण को रद्द कर दिया गया था।