राकेश दुबे@प्रतिदिन। मई में थोक मूल्य आधारित मुद्रास्फीति बढ़कर 0.79 फीसद पर पहुंच गई| सरकार की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, खाद्य महंगाई दर भी करीब दोगुना बढ़कर 7.88 प्रतिशत के स्तर पर पहुंच गई| अप्रैल में यह 4.23 प्रतिशत थी| थोक महंगाई दर में वृद्धि का प्रमुख कारण सब्जियों की कीमतों में दस फीसद का इजाफा माना जा रहा है|कल से डीजल और पेट्रोल भी महंगा हो गया है , महंगाई और बढ़ेगी |
अप्रैल में सब्जियों की महंगाई दर जहां 2.21प्रतिशत दर्ज की गई थी, वहीं मई माह में यह 12.94 प्रतिशत के स्तर पर जा पहुंची. राहत यह रही कि दाल-दलहन की महंगाई दर 3.5 प्रतिशत के स्तर पर बनी रही. प्याज की कीमतों में भी गिरावट का रुझान बना रहा, लेकिन इतने भर से कोई बड़ी राहत की उम्मीद नहीं की जा सकती|कारण, कर्ज सस्ता होने की उम्मीद धूमिल हुई है| वह भी उस सूरत में जब अप्रैल माह में औद्योगिक उत्पादन में वृद्धि दर में गिरावट दर्ज की गई| ऐसे में बड़ी शिद्दत से ब्याज दर में नरमी लाए जाने का इंतजार हो रहा था, लेकिन अब सब्जियों और खाद्य कीमतों में इजाफे के रुख ने खेल बिगाड़ दिया है|
टमाटर जैसी सब्जी के दाम 80 से 100 रूपये किलो ने तो सभी की पेशानी पर चिंता की लकीरें ही खींच डाली हैं|कह सकते हैं कि खुदरा महंगाई के पश्चात अब थोक महंगाई दर में वृद्धि के चलते रिजर्व बैंक अगस्त माह में होने वाली मौद्रिक नीति की समीक्षा के दौरान ब्याज दर में कटौती करने से बचना चाहेगा| यानी कर्ज और सस्ता होने के लिए इंतजार अब और बढ़ सकता है| चूंकि थोक महंगाई पर वैश्विक जिंसों का असर भी पड़ता है, इसलिए तमाम अंदेशे हैं| अगर कच्चे तेल का मूल्य मौजूदा स्तर पर कायम रहता है, तो औसत थोक मूल्य आधारित सूचकांक तीन प्रतिशत के स्तर को पार कर सकता है|
खाद्य उत्पादों के दामों में निरंतर बढ़ोतरी के रुख के मद्देनजर आपूर्ति पक्ष को मजबूत किया जाना चाहिए| औद्योगिक उत्पादन सूचकांक में गिरावट और थोक मूल्य सूचकांक में बढ़ोतरी आगे चलकर नकारात्मक हो सकती है|इससे यह भी स्पष्ट होता है कि आपूर्ति घटने से कीमतों में उछाल आया है|बहरहाल, मॉनसून से ही कुछ उम्मीद की जा सकती है| यदि मॉनसून उम्मीद के अनुरूप आता है, तो आने वाले समय में फौरी तौर पर थोक मूल्य मुद्रास्फीति में कुछ गिरावट हो सकती है|
श्री राकेश दुबे वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं।
संपर्क 9425022703
rakeshdubeyrsa@gmail.com
पूर्व में प्रकाशित लेख पढ़ने के लिए यहां क्लिक कीजिए