मप्र के अस्पतालों में बीपी की नकली दवाएं

Bhopal Samachar
भोपाल। तकनीकी भाषा में इसे अमानक लेकिन आंचलिक बोली में इसे नकली दवाएं कहते हैं। मध्यप्रदेश के सरकारी अस्पतालों में एक बार फिर अमानक दवा बांटने का मामला सामने आया है। इस बार बीपी के मरीजों को दी जाने वाली दवा 'क्लोपिडाड्रिल एस्प्रिन' अमानक मिली है। इसके बाद ड्रग कॉर्पोरेशन ने सभी सरकारी अस्पतालों से दवा वापस करने के लिए सीएमएचओ और सिविल सर्जन को पत्र लिखा है।

क्लोपिडाड्रिल (75) विद एस्प्रिन का बैच नंबर टी 5153 है। इसकी एक्सपायरी डेट 8/2018 है। सूत्रों ने बताया कि इस दवा का इस्तेमाल बीपी कंट्रोल करने के साथ ही खून पतला करने के लिए किया जाता है। 50 साल के ऊपर के मरीजों के लिए यह दवा ज्यादा उपयोग होती है। भोपाल समेत कई जिलों में यह दवा सप्लाई की गई थी। 

मरीजों ने शिकायत की थी कि इस दवा का रैपर खोलने के बाद इसमें चूरा निकलता है। इसके बाद कुछ सीएमएचओ और सिविल सर्जन ने यह जानकारी मप्र पब्लिक हेल्थ सप्लाई कॉर्पोरेशन को दी थी। ड्रग इंस्पेक्टरों की टीम ने सीएमएचओ भोपाल के स्टोर से इसके सैंपल लिए थे। ईदगाह हिल्स स्थित स्टेट ड्रग लैब में जांच के बाद दवा अमानक निकली। 

प्रोवीडीन आयोडीन सर्जिकल स्क्रब सॉल्यूशन भी मिला अमानक
घाव में लगाया जाने वाला प्रोवीडीन आयोडीन सर्जिकल स्क्रब सॉल्यूशन 7.5 भी हाल ही में अमानक पाया गया है। इसके बाद स्वास्थ्य संचालनालय ने यह मलहम सप्लाई करने वाली कंपनी माइक्रोन फार्मासिटिकल को तीन साल के लिए यह दवा सप्लाई के लिए अयोग्य कर दिया गया है। स्टेट ड्रग लैब की जांच में अमानक मिली इस दवा का बैच नंबर ई 150160 है। सभी जिलों में इस दवा का उपयोग बंद कर दिया गया है।
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