
देश में आपातकाल लगने के बाद सरकार ने राजमाता विजायाराजे सिंधिया को तिहाड़ जेल में बंदी बना दिया। ग्वालियर के तत्कालीन महाराज माधवराव सिंधिया सरकार की नाराजगी से बचने के लिए अपनी ससुराल नेपाल में चले गए। इस दौरान सिंधिया रियासत के मैनेजमेंट की जिम्मेदारी वसुंधरा और यशोधरा पर आ गई। यशोधरा राजवंश के घोड़ों की देखभाल के लिए मुंबई शिफ्ट हो गईं।
मुंबई में उस दौर के मशहूर कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. किरीटलाल के इकलौते बेटे सिद्धार्थ भंसाली से यशोधरा की रेसकोर्स पर ही दोस्ती हो गई। ये बात राजमाता विजयाराजे और माधवराव तक पहुंची, तो उन्होने यशोधरा से सिद्धार्थ से दूर रहने की हिदायत दी और राजघरानों में वर की तलाश शुरू कर दी।
राजवंश से बगावत करके की शादी
यशोधरा से राजमाता और माधवराव ने कहा कि उन्हें राजघरानों में ही जीवन साथी चुनना होगा तो उन्होंने विद्रोही तेवर अपना लिए। ये फैक्ट्स स्वयं राजमाता विजयाराजे ने भी अपनी बायोग्राफी में लिखे हैं। सबसे छोटी व सबकी लाड़ली होने की वजह से यशोधरा को मनचाही चीज हासिल करने की आदत बन गई थी। यशोधरा ने राजमाता और माधवराव से साफ कह दिया कि वह शादी करेगी तो सिद्धार्थ से ही करेगी, नहीं तो आजीवन कुंआरी ही रहेगी। आखिरकार राजमाता और माधवराव को झुकना पडा, और सब यशोधरा-सिद्धार्थ की शादी के लिए तैयार हो गए। मुंबई में सादगी वाले समारोह में प्रिसेंज की शादी 1977 में हुई। शादी के बाद सिद्धार्थ भंसाली अमेरिका में जाकर बस गए।