
जानकारी के अनुसार आज दोपहर सपना पुत्री विष्णु कुशवाह उम्र 17 वर्ष निवासी ड़ोंडेयाई अपने खेत पर अपनी माँ के साथ काम कर रही थी, तभी गणेशराम पुत्र हरिराम कुशवाह आया और पुराने विवाद के चलते गाली गलोंच करने लगा। जब मामला ज्यादा बढ़ गया तो सपना की माँ अपने पति को बुलाने घर चली गई। इसी बीच गणेशराम ने सपना को धक्का मार दिया जिससे वह पास ही मौजूद सूखे कुए मैं गिर गई और गंभीर रूप से घायल हो गई। जिसे परिवार कोलारस थाने लाये जहां पुलिस के माध्यम से कोलारस स्वास्थ केंद्र भर्ती कराने पहुंचे।
जब काफी देर तक कोई डॉक्टर नहीं आया तो परिवार के सदस्य डॉ. नितराज गोड़ के घर पहुंचे। डॉक्टर ने घर से ही नाबालिग लडक़ी को जिला अस्पताल रेफर कर दिया। एम्बुलेंस की व्यवस्था भी नहीं कराई गई परिजन प्राइवेट ऑटो से घायल युवती को लेकर शिवपुरी के लिए निकल गए।
सवाल यह है कि इस तरह के मामलों में भले ही मरीज की जान चली जाए, लेकिन लापरवाह डॉक्टर की शिकायत नहीं होती। कभी काई कर भी दे तो जांच नहीं होती। जांच शुरू हो जाए तो सही नहीं होती और सही हो जाए तो सारे डॉक्टर अस्पताल बंद करके हड़ताल पर चले जाते हैं। समझ नहीं आता कि इस बीमार का क्या इलाज है। देखते हैं डॉक्टरों के आगे लाचार शिवराज सरकार, इस मामले में क्या कोई कार्रवाई कर पाती है।