भोपाल। कौशल विकास केन्द्रों में कार्य करने वाले हजारों संविदा कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त करने के विरोध में राजधानी भोपाल केे नीलम पार्क में अनिश्चित कालीन धरने पर चार दिन से बैठे हजारों बीई एमटेक योग्यता धारी संविदा कर्मचारियों, ने आंदोलन के पांचवे दिन देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी और प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को खून से पत्र लिखकर कर्मचारियों की संविदा बढ़ाकर अपने अच्छे दिन लौटाने की मांग की है।
पत्र में लिखा है कि आदरणीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी आपने तीन वादे किये थे कि मैं प्रतिवर्ष एक करोड़ लोगों को रोजगार दूंगा, कीमतों पर नियंत्रण रखकर उनको कम करूंगा और हर हाथ को रोजगार दूंगा लेकिन मप्र में हम कौशल विकास केंद्र के कर्मचारियों के साथ आपके प्रधानमंत्री बनने के बाद मप्र में आपके महत्वकांक्षी योजना कौशल विकास के एक हजार कर्मचारियों की नौकरी छीनकर कर्मचारियों और उनके परिवार के मुह से निवाला तक छीन लिया गया।
आपने हमारे अच्छे दिने के वादे किये थे आ गये बुरे दिन। हमने कौशल विकास केन्द्रों में हजारों युवाओं को रोजगार का उन्मुखी प्रशिक्षण देकर लाखों लोगों को रोजगार दिया और हम खुद बेरोजगार हो गये। प्रशिक्षक, प्रबंधक, लेखापाल जो कि मात्र 7200 रूपये के मानदेय पर कार्य कर रहे थे। जिनकी प्रथम नियुक्ति दो वर्ष के लिए की गई थी । उसके बाद तकनीकी शिक्षा विभाग प्रतिवर्ष उनकी संविदा बढ़ाता रहा है लेकिन अचानक विभाग ने संविदा नहीं बढ़ाने का निर्णय लेते हुये फिर से संविदा पर नई भर्ती करने का निर्णय ले लिया जिसमें नये लोगों की संविदा पर भर्ती कर रखा जायेगा।
निकाले गये एक हजार संविदा कर्मचारियों में आक्रोश है। जिसके कारण प्रदेश में कौशल विकास केन्द्रों में कार्य करने वाले एक हजार संविदा कर्मचारी अधिकारी मुख्यमंत्री से संविदा बढ़ाने की मांग को लेकर राजधानी भोपाल के नीलम पार्क में अनिश्चित कालीन धरने पर बैठे हुये हैं । म.प्र. संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर कौशल विकास केन्द्र कर्मचारी अधिकारी संघ के अध्यक्ष राजेश साहु , उपाध्यक्ष रविन्द्र रावत, कोषाध्यक्ष अबरार कुरैशी ने बताया कि यदि सरकार ने मांगे नहीं मानी तो प्रदेश के ढाई लाख संविदा कर्मचारी अधिकारी भी आंदोलन मेें कूदेंगें।