
मप्र शासन की ओर से प्राप्त हुई जानकारी के अनुसार मप्र महाविद्यालयों में सत्र 2016-17 में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों के हित में महाविद्यालय सुविधानुसार 4 किश्त में शुल्क ले सकते हैं। यह निर्णय विद्यार्थियों के अनुरोध के बाद लिया गया है।
शासकीय महाविद्यालय अपनी जन-भागीदारी समिति में और अशासकीय महाविद्यालय अपनी संस्था की समिति में इस संबंध में निर्णय ले सकेंगे। किश्तों में लिये जाने वाले शुल्क का निर्धारण महाविद्यालय द्वारा किया जायेगा। इसकी जानकारी पोर्टल पर भी दर्ज करनी होगी।
नईदुनिया एवं भोपाल समाचार ने उठाया था मुद्दा
मप्र के निर्धन/आरक्षित वर्ग के छात्रों की इस समस्याओं को इंदौर से प्रकाशित प्रमुख हिंदी अखबार नईदुनिया एवं मप्र के सबसे बड़े न्यूज पोर्टल भोपाल समाचार डॉट कॉम ने उठाया था। इसी के बाद मप्र शासन ने छात्रों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए नियम बदल दिया।
यह रही भोपाल समाचार में प्रकाशित खबर