
सत्ता मिलने पर हमें जनहितकारी योजनाएं लागू कर सामाजिक सरोकार से जुड़ना चाहिए। क्या हम ऐसा कर पा रहे हैं। जब सत्ता में नहीं रहेंगे तब क्या हम सामाजिक सरोकार की योजनाएं लागू कराने में तत्पर रह पाएंगे। इस पर हमें विचार करना चाहिए। नातू ने अपने पत्र में किसे निशाना बनाया है और वे क्या कहना चाहते हैं, इसे लेकर पार्टी में कानाफूसी चल रही है।
यह पत्र सिंहस्थ मेला प्राधिकरण अध्यक्ष ने लिखा है, इसलिए इसे सिंहस्थ आयोजन से भी जोड़कर देखा जा रहा है। क्या अध्यक्ष महोदय यह बताना चाह रहे हैं कि इस बार सिंहस्थ में भाजपा की राजनीति आयोजन के धार्मिक महत्व पर भारी रही। क्या उन्होंने सीएम शिवराज सिंह की जकड़ में कसमसा रही भाजपा की पीड़ा बयां की है। क्या उन्होंने नंदकुमार सिंह चौहान की क्षमताओं और निष्ठाओं पर सवाल उठाए हैं। कयास बहुत ज्यादा हैं, स्पष्ट कुछ भी नहीं, लेकिन जो भी है, भाजपा के लिए अच्छा नहीं है।