बारिश में सांपों से कैसे बचें

गणेश मालवीय। बारिश का मौसम प्रारंभ होते ही धरती पर चारों तरफ पानी भर जाता है। सभी तरफ बिल बंद हो जाते हैं और फिर शुरू होता है सांपों के निकलने का दौर। सांप आमतौर पर बिल बनाते नहीं ,परंतु वह चूहे द्वारा बनाए गए बिलों में रहते हैं। सांप प्रकृति का एक बहुत ही सुंदर प्राणी की है। सांप किसानों का मित्र है, सांप धार्मिक दृष्टि से बहुत ही पूजनीय हैं। सांप भगवान भोलेनाथ का एक श्रंगार है। सांप हमारे पारिस्थितिक तंत्र का अभिन्न अंग है। पुराणों में लिखा गया है, हमारी पृथ्वी को सांप के फन में संभाल रखा है। हिंदुस्तान में जगह जगह सांपो के मंदिर बने हैं। 

सांपो का स्वभाव सामान्य होता है। खेतों में उगने वाले अनाज, फसलों को चूहों के द्वारा नुकसान पहुंचाया जाता है जिस से काफी हानि होती है। सांप इन चूहों को खाकर फसलों का बचाव करते हैं। इसलिए सांप किसानों का मित्र होता है किंतु बारिश का मौसम आते ही यही सांप पृथ्वी पर तांडव करने लगता है इसका एक मुख्य कारण बारिश है। बारिश के आते ही सांपो के बिल में पानी भर जाता है और वह अपनी जान बचाने के लिए इधर उधर भागना शुरु कर देते है। उन्हें जहां आश्रम मिलता है रुक जाते हैं। सांप किसी को नुकसान पहुंचाना नहीं चाहता, परंतु जब किसी इंसान की नजर उस पर पड़ जाती है, तो अपने बचाव के लिए वह फन बनाकर खड़ा हो जाता है। 

पहली नजर में वह इंसानों से कहता है, मैं आपको कोई नुकसान नहीं पहुंचाऊंगा, मुझे मत मारो, किंतु इंसान अपनी जान की सुरक्षा के लिए उस को डंडे से मार डालता है, जो की बहुत ही गलत है। इसके विपरीत जब कभी किसी इंसान का पैऱ अंधेरे में किसी सांप के ऊपर पड़ता है तो अनायास ही वह उसको डस लेता है और वह व्यक्ति काल के गाल में समा जाता है। सांपों से सुरक्षा हेतु कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाए जा सकते हैं .

क्यों काटते हैं सांप
अचानक से पैर पड़ने पर अपने शरीर के बचाव को लेकर वह सामने वाले जीव को डराने के उद्देश्य काटता है, किंतु मनुष्य उसकी डर और दहशत से मर जाता है। 

सांपों से सुरक्षा कैसे करें
हमारे घर के आस पास किसी भी प्रकार का कचरा जमा ना होने दें, कटीली झाड़ियां हो तो उसे खत्म कर दें। 
घर से निकलने वाले गंदे पानी के पाइप को जाली द्वारा ढकें और घर के दरवाजों के पास 2 फीट की लकड़ी के पटिया से बागड़ लगा सकते हैं। 

कैसे करें जहरीले सांपो की पहचान
हमारे मालवा क्षेत्र में अमूमन 50 प्रकार की प्रजातियां पाई जाती हैं, जिसमें से पांच प्रकार के सांप ही जहरीले होते हैं। इन जहरीले सांपों में ब्लैक कोबरा, नाग, करेत, रसल, वाइपर जैसे सांप शामिल हैं। इनके काटने के पश्चात आधे घंटे में तत्काल मौत हो जाती है, क्योंकि इन सांपों में न्यूरो टॉक्सिक जहर पाया जाता है, जो खून में मिलकर उसको दही के रूप में थक्का जमा देता है एवं हृदय गति को अत्यधिक कम कर हार्ड अटैक की स्थिति तक पहुंचा देता है। बाकी के सांप जहरीले नहीं होते हैं। 

कैसे पहचानें
यदी किसी इंसान, जानवर के शरीर पर साप के दंश के दो निशान दिखाई दें तो वह जहरीला सांप और ज्यादा निशान दिखाई देने पर वह जहरीला नहीं होता है। इस प्रकार जांच कर तुरंत अस्पताल चिकित्सा उपलब्ध कराई जाए। 

सांप के काटने के पश्चात क्या करें 
जैसे ही आपको जानकारी होती है कि सांप द्वारा काटा गया है उसके दो दांत देखे जाने पर तत्काल मरीज के अंग को कपड़े की पट्टियों से ऊपर की तरफ बांध दें। जिससे रक्त का संचार ऊपर की तरफ धीमी गति से हो, उसके पश्चात उस अंग को नीचे की ओर रखते हुए, तुरंत अस्पताल पहुंचे। 
झाड़-फूंक या टोने-टोटके में अपना समय व्यतीत ना करें क्योंकि कोबरा नाग के काटने से 30 मिनट के अंदर ही इंसान को बचाया जा सकता है। 
अधिकतम समय लोग टोने-टोटके में व्यतीत करते हैं और इंसान को हाथों से खो देते हैं। 
मालवा क्षेत्र में कोबरा अधिकतम 8 फीट तक का पाया जाता है किंतु रेट् स्नेक में 11 से 13 फीट तक का पाया जाता है। रेट स्नेक की मात्रा काफी अधिक होती है किंतु इससे भयभीत ना हो, यह साधारण सांप है।  
घरों में पाए जाने वाले रसल वाइपर जिसे हम चिती के नाम से जानते हैं, अधिकतर छिपकलिया खाती है और दिवालो और छ्तो के आसपास पाया जाता है। इसमें भी जहर होता है जो इंसान को मारने के लिए काफी होता है। 
लेखक के विषय में
लेखक एवं शिक्षक गणेश मालवीय पिछले 9 सालों से इस प्रकार के सांपों को और इंसानों को बचाने के लिए अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इन दिनों बारिश के समय उनकी सेवाएं 24 घंटे लोगों को मिलती हैं। एक दिन में 12 से 15 सांपों को घरों से निकालकर यह जंगल में छोड़ आते हैं। पिपलौदा हायरसेकेंड्री में विज्ञान का विषय पढ़ाने वाले शिक्षक वर्तमान समय तक सात हजार के लगभग सांपों को जंगल में छोड़ कर लोगों का और सांपों का जीवन बचाया है। आप उनसे उनके मोबाइल नंबर 70490- 74896 पर संपर्क कर सकते हैं। 

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