
आरटीएआई एक्टिविस्ट सुधीर यादव ने यह याचिका दायर की है जिसमें उन्होंने कहा है कि व्हाट्सऐप के एन्क्रिशन फीचर के कारण चैटिंग करने वालों की बातें सुरक्षित रहती हैं। यहां तक कि सुरक्षा एजेंसियां और खुद व्हाट्सऐप भी इन्हें डिकोड नहीं कर सकते। यदि डिकोड करने की पूरी कोशिश भी करते हैं तो एक 256 बिट के छोटे से मैसेज में ही सैकड़ों साल लग जाएंगे।
एन्क्रिप्शन को सुपर कंप्यूटर से भी इंटरसेप्ट नहीं किया जा सकता। इस प्रणाली की वजह से आतंकियों और अपराधियों को संदेश भेजने में आसानी होगी और देश की सुरक्षा को खतरा होगा।याचिका में कहा गया है कि व्हाट्स ऐप, वाइबर, टेलीग्राम, हाइक और सिग्नल जैसे एप्स पर रोक लगाई जानी चाहिए।