
अब तक मंदिर के नाम पर कोई डीमेट अकाउंट नहीं होने की वजह से कोई भी श्रद्धालु शेयर दान नहीं कर सकता था। अब तिरुपति बालाजी मंदिर की तर्ज पर महाकाल मंदिर समिति का डीमेट अकाउंट बैंक में खोला जा रहा है। महाकाल मंदिर के अलावा ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग, इंदौर के खजराना गणेश और सतना के मैहर मंदिर को प्रथम चरण में इस अभिनव योजना में शामिल किया गया है। यदि यह प्रयोग सफल रहा तो प्रदेश के दूसरे मंदिरों में भी इसे लागू किया जाएगा।
भगवान 'बिजनेस पार्टनर'
डीमेट अकाउंट खुलने से श्रद्धालु, भगवान को अपने बिजनेस में पार्टनर बना सकते हैं और मंदिर के साथ प्रॉफिट भी शेयर कर सकते हैं। श्रद्धालुओं के पास भगवान के नाम पर शेयर और बॉण्ड में निवेश का भी विकल्प मौजूद रहेगा। पुजारी रूपेश व्यास के मुताबिक, सरकार की यह योजना हमारे लिए अच्छी है। अब तक हम चेक और नकद राशि के जरिए ही डोनेशन लेते थे, लेकिन अब शेयर का प्रॉफिट सीधे मंदिर के डीमेट अकाउंट में ट्रांसफर हो जाएगा।
सरकार ने जारी किए निर्देश
एमपी सरकार के धर्मस्व विभाग ने इसे लेकर एक पत्र जारी किया है। इसमें कहा गया है कि मंदिर का डीमेट अकाउंट खोलने की योजना की समीक्षा की जाएगी। इसके बाद राज्य सरकार को राय से अवगत कराने के लिए कहा गया है।