
जानकारी के मुताबिक, सुरखी थाना पुलिस को जिले के बन्नाद गांव में बलात्कार के एक मामले में समाज की पंचायत लगने की सूचना मिली थी। सूचना मिलने पर पुलिस की टीम मौके पर रवाना हुई, जहां पहुंचकर वो मामले से संबंधित सभी लोगों को सुरखी थाने ले आई। जिसके बाद एक के बाद एक बड़े खुलासे होते गए।
पुलिस पूछताछ में सामने आया कि गांव की महिला के पति की तीन साल पहले मौत हो गई थी। पति के देहांत के दो महीने बाद ही महिला के गांव के एक युवक से संबंध बन गए, जिससे फरवरी में उसे एक बच्ची भी हुई।
महीला के पहले पति से पहले ही तीन बच्चे थे, ऐसे में प्रेमी से हुई बच्ची को वो समाज के सामने नहीं लाना चाहती थी। पूरे मामले पर पर्दा डालने के लिए महिला ने अपने सास, देवर और प्रेमी के साथ मिलकर बच्ची को रास्ते से हटाने की योजना बनाई।
योजना के मुताबिक, 15 अप्रैल को उन्होंने सो रही दूधमुंही बच्ची को पन्नी में बंद किया और फिर उसे जिले के कैंट थाना इलाके में स्थित नेशनल हाईवे 26 पर मरने के लिए फेंक आए।इसके बाद जब प्रेमी ने महिला को अपने साथ रखने से मना कर दिया तो उसने नरेंद्र पर बलात्कार का आरोप लगाते हुए उसके साथ रहने की मांग पंचायत से की शुरू कर दी। ये मामला सामने आने पर ही पंचायत बुलाई गई थी, जिसमें पंच फैसला सुनाने वाले थे। पुलिस ने पूरे घटनाक्रम में आरोपी महिला, उसके प्रेमी, सास और देवर के खिलाफ मामला दर्ज करते हुए उन्हें जेल भेज दिया है।
सुरक्षित है बच्ची
महिला ने भले ही अपनी बच्ची को मरने के लिए हाईवे पर छोड़ दिया हो, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। दरअसल, घटना वाले दिन पन्नी में बंद बच्ची की आवाज रास्ते से निकल रहे लोगों को सुनाई दी, जिस पर उन्होंने पुलिस को सूचित किया। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर बच्ची को पन्नी में से निकाला और उसे इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया। मासूम की हालत सुधरने पर उसे भोपाल के शिशु बाल आश्रम में भिजवा दिया था, जहां बच्ची पल रही है।