भाेपाल। सरकारें हरियाली की सुरक्षा के लिए होतीं हैं लेकिन भोपाल की शहर सरकार ने हरियाली को सरेआम कत्ल कर डाला। अरेरा हिल्स की यह चोटी कल हरेभरे वृक्षों से आच्छादित हुआ करती थी। नगरनिगम ने मात्र 10 दिनों इसे बंजर कर डाला। शिवराज सरकार यहां विधायकों के लिए लग्जरी फ्लैट बनाना चाहती थी। मुद्दा सामने आने के बाद दूसरी बार किरकिरी हुई तो काम बंद करवा दिया गया।
विशेषज्ञों का कहना है कि इन हजारों पेड़ों से जो हरियाली उजड़ी उसकी भरपाई अरसे तक नहीं हो सकती। जहां कभी हरे-भरे पेड़ थे वहां अब सिर्फ सूखे ठूंठ दिख रहे हैं। सीपीए का कहना है कि इन पेड़ों के बदले 3572 पौधे रोपे गए हैं लेकिन इन पौधों की बराबर देखभाल हुई और इस दौरान सूखने वाले पौधों की जगह नए पौधे रोपे गए तब भी एेसी हरियाली तैयार होने में 50 साल से कम समय नहीं लगेगा।
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1960 तक संरक्षित वन श्रेणी में आने वाले इस क्षेत्र में कोहा अर्जुन, जामुन, कसोद आदि के पेड़ प्राकृतिक रूप से लगे थे। इनकी उम्र 30 से 80 वर्ष से अधिक थी। अब 5 हजार पौधे लगाने होंगे। लगातार 7 से 8 साल तक देखभाल हुई तो कहीं 50 साल बाद इन काटे गए पेड़ों की भरपाई हो पाएगी।
सुदेश बाघमारे, सेवानिवृत वन अधिकारी