
इस साल जरवरी में दवा की सप्लाई होने के बाद सैंपल जांच के लिए राज्य सरकार द्वारा अनुबंधित एनएबीएल लैब में भेजे गए थे। जांच के बाद 12 फरवरी को आई रिपोर्ट में यह दवा अमानक मिली। रिपोर्ट आने के चार महीने बाद अब मप्र पब्लिक हेल्थ सप्लाई कॉरपोरेशन ने सभी सीएमएचओ एवं सिविल सर्जन को दवाएं लौटाने के लिए पत्र लिखा है। इन चार महीनों में करीब 400 मरीजों को यह इंजेक्शन लगा दिया गया।
गर्मी में मलेरिया के मरीज कम रहते हैं, इसलिए इंजेक्शन की खपत ज्यादा नहीं हुई। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि मलेरिया के सामान्य मरीजों को टैबलेट दी जाती है, जबकि गंभीर मरीजों को इंजेक्शन लगाया जाता है। भर्ती मरीजों में इसका उपयोग ज्यादा होता है। बता दें कि एक महीने में ही दूसरी दवा अमानक मिली है। इसके पहले हाई ब्लड प्रेशर की दवा क्लोपिडाड्रिल (75) विद एस्प्रिन, बैच नंबर टी 5153 एक्सपायर मिली थी। इसकी एक्सपायरी डेट 8/2018 थी।
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इंजेक्शन का नाम-क्लोरीक्वीन फास्फेट (वायल)
बैच नंबर- सीक्यू 1510
एक्सपायरी-अक्टूबर 2017
जांच करने वाली लैब- बंगलौर टेस्ट होम
सप्लायर कंपनी- नंदनी मेडिकल लेबोरेट्री प्राइवेट लिमिटेड