सिर्फ भोपाल में देखने मिला बदलाव: नरेंद्र मोदी

नईदिल्ली। देशभर में 400 स्थानों पर पुनर्विकास का टारगेट था लेकिन केवल भोपाल में थोड़ा बदलाव दिखाई दिया है। बाकी कहीं कुछ नजर नहीं आ रहा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काम की इस रफ्तार से काफी खफा दिखाई दिए। उन्होंने अधिकारियों को प्रत्यक्ष दिखाई देने वाला विकास करने के निर्देश दिए हैं। प्रधानमंत्री रेलवे की इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर रिव्‍यू मीटिंग में नरेंद्र मोदी अधिकारियों से चर्चा कर रहे थे। 

प्रधानमंत्री ने क्रिकेट का उदाहरण देकर रेलवे अधिकारियों को यह समझाया कि कैसे रचनात्‍मक तरीकों के इस्‍तेमाल से विज्ञापनों के जरिए राजस्‍व कमाया जा सकता है। सूत्रों के मुताबिक, बैठक के बाद रेलवे बोर्ड ने आंतरिक निर्देश जारी कर अगली समीक्षा तक “प्रत्यक्ष प्रगति” को सुनिश्चित करने के लिए “तुरंत कार्रवाई करने की जरूरत” बताई है। अगली समीक्षा बैठक जुलाई के पहले सप्‍ताह में हो सकती है। 

मोदी मुख्‍य रूप से स्‍टेशनों के पुर्नविकास सम्‍बंधी प्रोजेक्‍ट को लेकर खफा नजर आए। जिन 400 स्‍टेशनों को निजी क्षेत्र के सहयोग से पुर्नविकसित किया जाना था, उनमें से सिर्फ भोपाल के हबीबगंज स्‍टेशन में ही बदलाव देखने को मिला है। प्रधानमंत्री ने रेल यूनिवर्सिटी खोले जाने की दिशा में भी तेजी से काम करने को कहा है। दो साल पहले एनडीए सरकार के पहले रेल बजट में यह प्रस्‍ताव लाया था, वडोदरा के रेलवे परिसर में विश्‍वविद्यालय संस्‍थापित किए जाने सम्‍बंधी बिल का मसौदा नीति आयोग को भेजा जा चुका है। प्रधानमंत्री ने मनरेगा फंड का इस्‍तेमाल कर रेलवे की ओर से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ाने पर भी जोर दिया। 
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