भोपाल। राजधानी में आप कहीं भी नजर घुमाइए, यदि वो जमीन नगरनिगम की है और आपकी पकड़ भाजपा के किसी विधायक, सांसद या बड़े पदाधिकारी है तो यह जमीन आपके बहुत सस्ती दरों पर किराए पर मिल जाएगी। आप मेला लगाइए, दुकान लगाइए, कुछ भी कीजिए। नगर निगम का कोई कर्मचारी अतिक्रमण हटाने नहीं आएगा।
भाजपा के एक कार्यकर्ता हैं, पवन राजपूत। भरत नगर सहित आसपास के तमाम इलाके की सरकारी जमीनों को किराए पर देने का काम यही करते हैं। 3500 रुपए महीने में आपको सड़क किनारे दुकान लगाने के लिए जगह मिल जाती है। इस क्षेत्र के कई दुकानदार पवन राजपूत को नियमित रूप से भाड़ा देते हैं। निगम को 5 रुपए भी नहीं चुकाना पड़ते।
यह है पवन...बीजेपी नेताओं से जुड़े हैं तार
पवन की फेसबुक फ्रैंड लिस्ट में स्थानीय पार्षद व निगम अध्यक्ष सुरजीत सिंह चौहान भी शामिल हैं। प्रोफाइल में खुद को बीजेपी युवा मित्र का सदस्य लिख रखा है। इसके अलावा कई बड़े नेताओं के साथ खींची गई फोटो भी फेसबुक पर अपलोड हैं। हालांकि जब इस संबंध में पवन से बात की कि वे यहां दुकान रखवाने के कितने पैसे लेंगे तो उन्होंने साफ इंकार कर दिया। उन्होंने कहा कि मैं कैसे दिलवा सकता हूं। उन्होंने खाली रखी गुमठियों को किराए से देने के लिए भी मना कर दिया।
एमपी नगर में निगम कर्मचारी वसूलते हैं किराया
एमपी नगर जोन वन और बोर्ड ऑफिस के सामने फुटपाथ और फुटपाथ के बगल में दुकान लगाने वाले व्यापारियों से निगम अमला खुद किराया वसूलता है। यह किराया प्रतिदिन वसूला जाता है। प्रत्येक दुकानदार से 120 रुपए लिए जाते हैं, 20 रुपए निगम के सरकारी खाते में और 100 रुपए महापौर, कमिश्नर से लेकर नीचे तक सबको बांटने के लिए। रसीद सिर्फ 20 रुपए की दी जा रही है। यही वजह है कि उनकी दुकान हटाने के लिए कोई नहीं आता। दुकानदारों का कहना है कि यहां दुकान रखने के लिए नगर निगम से सेटिंग करनी पड़ती है।
अतिक्रमण विरोधी कार्रवाई भी बेअसर
एमपी नगर जोन वन में दर्जनभर गुमठियों पर कार्रवाई करते हुए अतिक्रमण हटा दिए। फिर शाम को ही बोर्ड ऑफिस के पास इन्हें शिफ्ट कर दिया गया। वहीं दूसरे दिन नगर निगम के अमले ने बाबा नगर में अभियान चलाया, लेकिन यहां सिर्फ 6 झुग्गीवासियों को आवासों में शिफ्ट कराया। जबकि यहां बड़ी संख्या में नई झुग्गियां तन गई हैं, लेकिन अमले ने सिर्फ चार झुग्गियों को हटाने की ही कार्रवाई की।
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महापौर का अधिकृत बयान
जिला प्रशासन शहर में अतिक्रमण मुहिम चला रहा है। इसमें नगर निगम पूरा सहयोग कर रहा है। जो भी निर्माण अतिक्रमण के दायरे में आएंगे, उन्हें हटाया जाना चाहिए। अतिक्रमणकारियों को बख्शा नहीं जाएगा।
आलोक शर्मा, महापौर