मप्र में दलित कर्मचारियों का एक और संगठन बनेगा

भोपाल। मप्र में दलित कर्मचारियों की लड़ाई लड़ने के लिए अब तक केवल अजाक्स ही था, लेकिन शीघ्र ही एक और संगठन सृजित होगा। इसके मुखिया होंगे मप्र कैडर के आईएएस अधिकारी रमेश थेटे। इसका ऐलान 19 जून को हो सकता है। थेटे को आरपीआई नेता रामदास अठावले का समर्थन मिल गया है। नए संगठन की रूपरेखा तैयार करने के लिए थेटे की बुधवार को नागपुर में अठावले के साथ बैठक भी हो गई है।  

नए संगठन को अस्तित्व में लाने की पुष्टि करते हुए थेटे ने कहा कि अजा-जजा के अधिकारियों व कर्मचारियों की समस्याओं का निराकरण करने के बजाय अजाक्स पदाधिकारी एक राजनैतिक विचारधारा से प्रेरित होकर दलितों के बीच राजनीति कर रहे हैं। इसलिए एक स्वतंत्र संगठन की जरूरत है। इस बारे में एक-दो दिन में निर्णय लिया जाएगा। 

सूत्रों का कहना है कि निलंबित आईएएस अफसर शशि कर्णावत भी नए संगठन में शामिल होंगी। कर्णावत भी अजाक्स के खिलाफ रही हैं। दावा किया जा रहा है कि 19 जून को विभिन्न जिलों के एक सैकड़ा से अधिक दलित कर्मचारी भोपाल पहुंच रहे हैं। बैठक में नए संगठन का नाम तय किया जाएगा। 

बता दें कि थेटे जब लोकायुक्त पीपी नावलेकर के खिलाफ आंदोलन कर रहे थे, तब अजाक्स ने उनका साथ नहीं दिया था। थेटे ने कर्णावत के साथ मिलकर पिछले दिनों धरना भी दिया था, जिसमें अजाक्स के पदाधिकारी मौजूद नहीं हुए थे। इसके बाद थेटे ने अजाक्स अध्यक्ष व आईएएस अफसर जेएन कंसोटिया के खिलाफ बयान भी दिया था। थेटे के समर्थक कंसोटिया से इसलिए भी नाराज हैं कि उन्होंने 12 जून को आयोजित अजाक्स के धरने में सीएम शिवराज सिंह चौहान को आमंत्रित किया था। 
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