ग्वालियर। तमाम विवादों में घिरीं रहीं युवक कांग्रेस नेता रश्मि पवार दो साल से शांत बैठीं थीं, लेकिन शुक्रवार से फिर सक्रिय हो गईं। महंगाई के विरोध में एक दिन पहले ही उन्होंने आंदोलन की घोषणा की और शुक्रवार को महाराज बाड़े से मोतीमहल तक बैलगाड़ी यात्रा लेकर पहुंच गईं। गुटबाजी का शिकार कांग्रेस का यह नया धड़ा है, जिसमें कांग्रेस का कोई वरिष्ठ पदाधिकारी शामिल नहीं हुआ।
रश्मि ने आंदोलन के लिए गुरुवार को रणनीति बनाई और कार्यकर्ताओं को महाराज बाड़े पहुंचने को कहा। दोपहर 12 बजे करीब दो सैकड़ा कार्यकर्ता और एक दर्जन बैलगाड़ी बाड़े पहुंच गईं। एक बैलगाड़ी पर रश्मि सवार हुईं और भाजपा के खिलाफ नारेबाजी करते हुए यात्रा शुरू कर दी। सराफा बाजार, राममंदिर होते हुए वे मोतीमहल पहुंचीं। वहां भाजपा को जमकर कोसा। उन्होंने प्रधानमंत्री के नाम संभागायुक्त एसएन रूपला को ज्ञापन देते हुए कहा कि आंदोलन की यह शुरुआत है।
नहीं दे पाई सूचना
पारिवारिक कारणों से मैं सक्रिय राजनीति में नहीं थी। आंदोलन के लिए प्रदेश समिति से मुझे गुरुवार की रात ही अनुमति मिली थी। इसलिए जिला संगठन और वरिष्ठ नेताओं को सूचना नहीं दे सकी।
रश्मि पवार, सचिव प्रदेश कांग्रेस कमेटी